
Many trains canceled due to Jabalpur station yard remodeling
कटनी. रेलवे को सुरक्षित और प्रगतिपथ पर आगे ले जाने के लिए रेलवे द्वारा लिए गए निर्णय से रेल अधिकारी-कर्मचारियों railway employees में खलबली की स्थिति निर्मित हो गई है। 2 अगस्त को मंडल रेल प्रबंधक पमरे Jabalpur railway division द्वारा रेलवे के आठ विभागों को जारी किए गए पत्र क्रमांक 370 ने नींद उड़ा दी है। इस पत्र से अब यह साफ हो गया है कि मंडल Indian Railway के अंतर्गत कार्यरत 18 हजार रेल अधिकारी-कर्मचारी जिनकी सेवा 30 वर्ष की पूर्ण हो गई है या फिर उनकी उम्र 55 वर्ष की हो गई है उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा! पत्र के माध्यम से ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों स्रद्ध सूची तैयार कर गोपनीय अनुभाग को रिव्यू के लिए मंगाई गई है। सरकार और रेलवे के इस फरमान का पत्र से विभाग के कर्मचारियों में न सिर्फ असंतोष बल्कि विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो पमरे मंडल में 27 से 30 फीसदी लोग इस श्रेणी में आ रहे हैं, ऐसे में लगभग 5400 के ऊपर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इस पर रेल कर्मचारियों का कहना है कि इन निर्णय से न सिर्फ कर्मचारियों के सपने चूर-चूर होंगे बल्कि अनुभवियों की कमी से रेल व्यवस्था लडखड़़ा जाएगी।
यह जारी हुआ है पत्र
मंडल कार्मिक अधिकारी कृते पमरे ने धर्मेंद्र विके 2 अगस्त को एक पत्र जारी किया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल अभियंता, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता, वरिष्ठ मंडल संकेत एवं दूर संचार अभियंता, वरिष्ठ मंडल यांत्रिकी अभियंता, अभियंता टीआरएस एनकेजे जबलपुर मंडल को पत्र जारी किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि मंडल में कार्यरत कर्मचारी जिनकी उम्र 55 वर्ष हो गई है या 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो या पेंशन के लिए 30 वर्ष की अर्हक सेवा पूर्ण कर ली हो, जिनका कार्य इन्फेक्टिव हो, एवं वैसे कर्मचारी जिनका कार्य संदेहास्पद हो को रेलवे बोर्ड के पत्रानुसार मंडल स्तर पर गठित रिव्यू कमेटी के माध्यम से यह रिव्यू किया जाना है कि वैसे कर्मचारियों की सेवा लगातार जारी रखा जाए या सेवानिवृत्त किया जाए।
इन कर्मचारियों को निकलाने जारी हो गया रिव्यू पत्र
सिर्फ अधिकारी-कर्मचारियों को निकालने ही नहीं बल्कि कई विभागों में तो निकाले जाने वाले कर्मचारियों की लिस्ट तक बन गई है। ऐसा ही मामला सामने आया है प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय का। यहां पर मुख्य वाणिज्य निरीक्षक शशिपाल सिंह, सुधीर कुमार श्रीवास्तव, एमए सिद्दीकी, सुरेश कुमार आर, मणिपुस्कर शर्मा, बापूलाल राठौर, मुख्य कैटरिंग निरीक्षक प्रदीप पुरोहित, कैटरिंग मैनेजर सुरेश प्रसाद तिवारी शामिल हैं। ये वे कर्मचारी हैं जिनकी नौकरी या तो 30 वर्ष की हो गई है या फिर उम्र 55 वर्ष की। इन कर्मचारियों की डीएआर, विजलेंस, एसपीइ प्रकरण के संबंध में जानकारी ली गई है। इनको सेवा में रखे जाने अन्यथा इन्हे रेल सेवा से हटाए जाने रिव्यू पत्र एनके वर्मा वरिष्ठ कार्यालय अधिकारी एमएंडडी ने प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक को भेजा है।
खास-खास:
- नियम 1802(ए)/1803(ए)/1804(ए)आर-111987 के तहत लिया गया है निर्णय।
- लोन लेने वाले, मकान बनाने वाले, बच्चों का विवाह करने वाले कर्मचारी होंगे परेशान।
- भ्रष्टाचार में संलिप्त, अनुपस्थित व काम न करने वालों व पर सबसे पहले होगी कार्रवाई।
- छटनी के विरोध में डब्ल्यूसीआरएमएस, डब्ल्यूआरइयू करेंगे विरोध प्रदर्शन।
इनका कहना है
जिन सेवा सर्तों के तहत कर्मचारियों की भर्ती की गई थी उसके विरुद्ध सरकार का यह निर्णय गलत है। यह देशहित में नहीं है। सरकार के इस कदम का वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ विरोध करती है।
एसएन शुक्ला, मंडल अध्यक्ष, डब्ल्यूसीआरएमएस।
यह बात सही है कि 55 साल की उम्र और 30 साल की नौकरी कर चुके कर्मचारियों को निकाले जाने संबंधी पत्र जारी हुआ है, लेकिन अभी कर्मचारियों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। नॉर्मल रिटारमेंट की उम्र 60 ही रहेगी। 55-30 वर्ष वालों को हटाने कोई निर्देश नहीं दिए गए। यह कार्रवाई अभी अनुपस्थित रहने वाले, ठीक से काम नहीं करने वाले, किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई है या फिर भ्रष्टाचार में संलिप्त पहले उनपर होनी है।
डॉ. मनोज सिंह, डीआरएम, पमरे।
Published on:
04 Aug 2019 05:43 pm
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