
Legal help from Video Conferencing in Common Service Center
कटनी. डिजिटल अभियान की ओर नए कदम बढ़ाते हुए सीएससी ई-गवर्नेंस के माध्यम से ऑनलाइन कानूनी सुविधा दिल्ली में बैठे अधिवक्ताओं से ले सकेंगे। जिले के हितग्राही जिसका शनिवार को परीक्षण किया गया। सरकार ने न्याय को आसान बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की 'टेली लॉ' योजना शुरू की है। इस योजना में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरतमंदों को वकीलों से मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी। विधि एवं न्याय मंत्रालय तथा इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मिल इस योजना को संचालित करेंगे। इसके लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत देश भर में पंचायत स्तर पर संचालित हो रहे सीएससी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस योजना में 'टेली ला' नाम का एक पोर्टल होगा जो कि सभी कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर उपलब्ध होगा। यह पोर्टल प्रौद्योगिकी सक्षम प्लेटफार्मो की सहायता से लोगों को कानूनी सेवा प्रदाताओं से जोड़ेगा। टेली ला के जरिए लोग वीडियो कान्फ्रेंसिंग से कामन सर्विस सेंटर पर वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
ऐसे चलेगी प्रक्रिया
जिला प्रबंधक सीएससी उपेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रक्रिया में जो हितग्राही है वो अपनी एक आईडी प्रूफ ले कर सी एस सी सेंटर पहुंचेंगे जहां पर सीएससी संचालक अपने पोर्टल के माध्यम से उसका पंजीयन करेगा, पंजीयन उपरांत उसका दिल्ली के अधिवक्ता पैनल से समय फिक्स करके उनकी सीधे बात फोन ओर वीडियो दोनों माध्यम से हो सकेगी। तथा जरूरत पडऩे पर हितग्राही जो दस्तावेज हैं वो भी ऑनलाइन चेक करवा सकेगा।
ये प्रकरण होंगे शामिल
इसमें प्राथमिक तौर पर जो कानूनी सलाह मिलेगी उनमें दहेज, घरेलू हिंसा, जमीन जायदाद व सम्पति के मामले, ***** जांच, भ्रूण हत्या, गिरफ्तारी, एफआइआर, जमानत मिलने की प्रक्रिया, अनुसूचित जाति, जनजाति के प्रति अत्याचार, जमानती या गैर जमानती अपराध शामिल हैं। ये महिलाओं, बच्चे (18 वर्ष से कम उम्र के), अनुसूचित जाति, जनजाति के सदस्य, दिव्यांग और मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति, औद्योगिक कामगार, श्रमिक, मजदूर, प्राकृतिक आपदा से पीडि़त, जातीय हिंसा से पीडि़त, देह व्यापार के शिकार, निम्न आय वर्ग के लोग,जो लोग हिरासत में हैं इनको नि:शुल्क पंजीयन कर सलाह प्रदान की जाएगी तथा अन्य व्यक्ति 30 रुपये का शुल्क देकर कानूनी सलाह प्राप्त करेगा।
इनका कहना है
ये एक नया प्रयोग है। राज्य में पहलीबार इसका परीक्षण कटनी जिले से किया गया। भारत सरकार के न्याय एवं विधी मंत्रालय द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर इस योजना को प्रारम्भ किया गया है। एक-एक ग्राम पंचायत, गांव तक योजना पहुंच सके उसके लिए सीएससी ई गवर्नेंस के साथ योजना को विकसित किया जाएगा, आने वाले दिनों में हमारा उद्देश्य प्रत्येक जनपद में एक डिजिटल न्यायालय की तर्ज में केंद्र को विकसित करने का है।
उपेंद्र त्रिपाठी, जिला प्रबंधक सीएससी।
Published on:
07 Jul 2019 09:05 pm
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