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MP में रुकेगा दो जिलों का पानी! टनल निर्माण और धराशायी नहर बनेंगे बाधा

MP News: बरगी से रीवा तक नर्मदा जल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना अधर में है। स्लीमनाबाद की टनल लगभग पूरी हो चुकी, पर करोड़ों की नहर उपयोग से पहले ही टूट-फूट गई है।

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कटनी

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Akash Dewani

Oct 10, 2025

narmada river sleemanabad tunnel construction barghi rewa canal mp news

narmada river sleemanabad tunnel construction barghi rewa canal (Patrika.com)

Sleemanabad Tunnel Construction:कटनी-जबलपुर के बरगी से रीवा तक नर्मदा जल (Barghi-Rewa Canal) पहुंचाने के लिए स्लीमनाबाद में बनाई जा रही टनल का निर्माणकार्य अगले दो माह में पूरा हो जाएगा लेकिन यह कार्य पूरा होने के बाद भी सतना और रीवा जिले तक नर्मदा जल पहुंचाना मुश्किल होगा।

दरअसल, इसका मुख्य कारण नर्मदा जल पहुंचाने के लिए बनाई गई नहर का क्षतिग्रस्त होना है। जिले में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नहर की लाइनिंग टूटकर बिखर चुकी है और नहर के रास्ते में मिट्टी का ढंसकर समा चुकी है। ऐसे में इस नहर से रीवा व सतना जिले तक व कटनी से लगी क्षेत्रों में पानी पहुंचना संभव नहीं है। (MP News)

अब तक नहीं हुआ नहरों का सुधार

हैरानी की बात तो यह है कि पिछले तीन वर्षों से नहर क्षतिग्रस्त होने के बावजूद अफसरों ने अबतक इसका सुधार नहीं कराया है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अफसर बारिश का सीजन खत्म होने का हवाला देते हैं और इंतजार करते-कतरे दूसरा सीजन शुरु हो जाता है। बरहाल, टनल का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर होने के कारण नहरों का सुधारकार्य समयसीमा में न होने से इस परियोजना को साकार होने में और समय लग सकता है। (MP News)

देश की सबसे लंबी टनल होगी, दिसंबर तक होगी पूरी

जानकारी के अनुसार नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (Narmada Valley Development Authority) द्वारा इस योजना के तहत कटनी के स्लीमनाबाद में देश की सबसे लंबी पानी की टनल बनाई जा रही है। टनल की कुल लंबाई 11,953 मीटर रूपांकित है, जिसमें से 19,273 मीटर टनल की खुदाई पूरी हो चुकी है। जबकि करीब 680 मीटर टनल की अभी खुदाई की जानी शेष है, जिसे दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

टनल बनते ही कटनी से यह पानी रीवा व सतना तक पहुंचेगा। बरगी व्यपवर्तन योजना के तहत दायीं तट मुख्य नहर से यह पानी जबलपुर, कटनी, सतना व रीवा में 2 लाख 45 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की प्यास बुझाएगा। वर्तमान में जबलपुर जिले में सिहोरा सहित अन्य स्थानों पर इस योजना से 60 हजार हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो रही है। (MP News)

उपयोग से पहले हुई क्षतिग्रस्त

जानकारी के अनुसार जबलपुर के बरगी से रीवा तक नर्मदा जल पहुंचाने के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा करोड़ों की लागत से जिले में नहरें बनाई गई थीं, जो अपने उपयोग से पहले ही ध्वस्त हो गई हैं। एनवीडीए के अफसर इसे अधिक बारिश व छुई-मिट्टी का असर होना बता रहे है लेकिन उपयोग के पहले ही नहरों की लाइनिंग टूटकर बिखरने से नहरों के निर्माण में गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे है।

शहर में कटनी-दमोह मार्ग पर कृषि उपजमंडी के समीप आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर नहर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। नहर की लाइनिंग बिखरी पड़ी है और कई स्थानों पर नहर के गड्‌ढे में मिट्टी समा गई है। इस नहर से होकर ही नर्मदा का पानी मैहर, सतना व रीवा जिले तक भेजा जाना है। बताया गया है कि इस नहर का निर्माण करीब ३० करोड़ की लागत से किया गया था। (MP News)

2011 में होना था टनल का काम

जानकारी के अनुसार योजना के तहत 2008 में कार्य शुरु किया गया था। इस कार्य को 2011 में पूरा किया जाना था, लेकिन अबतक नहीं हुआ। बरहाल, टीबीएम मशीन तेजी से खुदाई कर रही है, जिससे इसके दिसंबर २०२५ तक पूरा होने की संभावना है। 2008 में टनल के निर्माण का काम शुरु हुआ तब इसका टेंडर 799 करोड़ रुपए था। लागत अब डेढ़ गुना से भी अधिक बढ़कर 1300 करोड़ से अधिक पहुंच गई है। (MP News)

जिम्मेदारों ने कहा ये

पूर्व में टीबीएम मशीन में खराबी के चलते कार्य रुका हुआ है लेकिन अब टनल खुदाई का कार्य तेजी से चल रहा है। सिर्फ ६८० मीटर खुदाई होना शेष है। टीबीएम मशीन लगातार खुदाई करते हुए आगे बढ़ रही है। पूरी उम्मीद है कि दिसंबर २०२५ तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।- दीपक मंडलोई, एसडीओ, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण

यह बात सही है कि नहर में कुछ स्थानों पर लाइनिंग क्षतिग्रस्त हुई है। इसका सुधारकार्य संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा ही किया जाएगा। बारिश खत्म हो गई है। जल्द ही सुधारकार्य प्रारंभ होगा। अधिक बारिश होने व कुछ स्थानों पर हुई मिट्टी के चलते लाइनिंग क्षतिग्रस्त हुई है।- अनिल कुमार तिवारी, कार्यपालन यंत्री, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण