
Preparation for economic census started
कटनी. भारत सरकार दस वर्ष में एक बार आर्थिक गणना का कार्य करती है। भारत सरकार के सांख्यकी ओर कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ( मोसपी) के द्वारा तैयारियां प्रारम्भ कर दी गयी हैं। अभी तक सरकारी कर्मचारी, सांख्यकी विभाग, जिला योजना विभाग इस कार्य को करता था जिसमे अधिक समय और संसाधन का उपयोग होता था परंतु इस बार सरकार ने इसके लिए सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य करने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान का मुख्य तंत्र सी एस सी ई गवर्नेंस सर्विस को इस कार्य के लिए नियुक्त किया है। सीएससी के संचालक सुपरविजन का कार्य करेंगे तथा अपने कार्य क्षेत्र में करीब 10 से 30 लोगो को सर्वेयर नियुक्त करेंगे जिले में करीब 2000 सर्वेयर इस कार्य के लिए जुटेंगे। कॉमन सर्विस सेंटर एक ऐसा केंद्र जो केंद्र और राज्य सरकार की सेवाओं का उपयोग आम हितग्राही को ग्रामीण नागरिकों को पंचायत, गांव तक पहुंचता है। इसके साथ साथ शिक्षा, स्वाथ्य, बैंकिंग, पैन, आधार, डिजिटल विलेज, डीजी गांव इत्यादि सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रो तक पहुंचाने का कार्य करती है।
कार्यशाला का आयोजन
सीएससी केंद्र के संचालको को कार्य करने के पूर्व एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिले के अग्रणी तिलक महाविद्यालय में किया गया जिसमें राष्ट्रीश् सांख्यकी विभाग जबलपुर क्षेत्र के वरिष्ठ सांख्यकी अधिकारी फिरोज खान, जेएस मरकाम जिला योजना विभाग के सांख्यकी प्रभारी कुमारी आशा जेम्स, जिला प्रबंधक सीएससी उपेंद्र त्रिपाठी, प्रोफेसर चित्रा प्रभात की उपस्थिति में किया गया। स्वागत कार्यक्रम के उपरांत जिला प्रबंधक द्वारा विस्तार पूर्वक गणना क्या है? किन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, कैसे एक एक घर को इसमे चिन्हित किया जाएगा, मोबाइल ऐप्प के माध्यम से कैसे जानकारी एकत्रित करके संधारित किया जाएगा के बारे में लाइव प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया गया। इस प्रक्रिया में सबसे पहले संचालको का बौद्धिक परीक्षण के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराई गई थी तथा सर्वे करने वाले सर्वेयर को भी इसी क्रम से गुजरना पड़ा था ,सर्वेयर द्वारा आवशीय, उद्योग, कॉमर्शियल तीनों क्षेत्रों की प्रथक पृथक गणना एप्प के माध्यम से की जाएगी। संचालको के जानकारी संधारित करने के पश्चात सांख्यकी एवं जिला योजना के पदाधिकारी क्वालिटी चेक करेंगे समस्त जानकारी पूर्ण ओर सही तरीके से होने के बाद ही संधारित डेटा को मंत्रालय के द्वारा गणना में शामिल किया जाएगा।
यह है मुख्य उद्देश्य
आर्थिक गणना का मुख्य उद्देश्य यही है कि कम समय मे कार्य को पूर्ण करना ओर किस क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है तथा वर्तमान में क्या आर्थिक संपन्नता हैं उसके बारे में जानकारी एकत्रित करना है। जिस तरह उज्जवला गैस योजना में सर्वे का कार्य कराया गया था और उसके बाद जो आंकड़े निकले वो चोकाने वाले थे जिसमें पता चला कि आजादी के छ: दसक बाद भी अधिकांश ग्रामीण ओर शहरी क्षेत्र में महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती है इसके बाद गैस कनेक्शन योजना का क्रियान्वयन हुआ ,इसी तरह इस सर्वे से उद्योग ,छोटी इकाइयो के लिए बेहतर प्रयास ओर कार्ययोजना तैयार हो सकेंगे।
पहली बार होगा ऑनलाइन सर्वे
अब तक आर्थिक गणना का काम कागजो पर होता था उसे केंद्र सरकार तक पहुंचने में ही महीनों लग जाते थे लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने ऐप्प तैयार करवाया है जिस पर जिले की अधिकांश जानकारी रोड मैप, क्षेत्र, ब्लॉक, पंचायत की जानकारी पहले से ही फीड होगी, सर्वे करने वाले को सांख्यकी विभाग से मैप भी प्रदान किया जाएगा उसके आधार पर वह प्रदान किये गए क्षेत्र के अनुसार घर के मुखिया की जानकारी, परिवार के सदश्यो की संख्या, व्यवसाय, उद्योग इत्यादि की जानकारी फीड करेगा।
इनका कहना है
जिले में जनपद स्तर पर पहले भी ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है जिन्होंने आवेदन किया है उनको परीक्षा पास हेतु लगातार निर्देशित किया जा रहा है पहली बार डिजिटल गणना है ओर ऐप्प के माध्यम से है इसलिये सही और उचित जानकारी संधारित हो उसके लिए हम तत्पर है जिले में करीब 2000 सर्वेयर के माध्यम से 1 महीने में पूर्ण गणना का लक्ष्य रखा गया है जिसको पूर्ण करना है।
उपेंद्र त्रिपाठी, जिला प्रबंधक सीएससी।
Published on:
28 Jun 2019 11:48 am
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