
RS Five Hundred Fine For Mosquito In Sikar Rajasthan
कटनी. एक छोटा सा मच्छर कभी भी, कहीं भी काटकर लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर रहा है। अलग-अलग इलाकों में मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियां हैं। ये मच्छर कई तरह के वायरस और पैरासाइट के जरिए कई तरह की बीमारियां तेजी से फैलाते हैं। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इन्सेफेलाइटिस, फाइलेरिया और जीका इनमें से कुछ हैं। मच्छर बहुत तेजी से बढ़ते और काटते हैं। मच्छर खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि इनकी आबादी बड़ी तेजी से बढ़ती है और एक बार में ये एक-दो को नहीं, बल्कि दर्जनों लोगों को काट कर इंफेक्शन फैला रहे हैं। ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा खास पहल की जा रही है। 2018 में हुए एक सर्वे के अनुसार जिन गांवों में वन-एपीआइ से अधिक वाले मलेरिया सहित अन्य मच्छरजनित रोगों के मरीज हैं वहां पर खास अभियान के माध्यम से संक्रमण को कम किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के लगभग 50 से अधिक गांवों में सिंथेटिक पायरेट्राइड कीटनाशक से मच्छरों को खत्मकर संक्रमण को कम किया जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा प्लान तैयार किया गया है।
इन गांवों में होगी पहल
स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग द्वारा बड़वारा, बहोरीबंद और उमरियापान सेक्टर में यह पहल की जा रही है। बड़वारा के रोहनिया व झिंझरी स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाले सभी गांव, बहोरीबंद के बहोरीबंद व कूडऩ स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गन आने वाले गांव सहित उमरियापान के शुक्ल पिपरिया व पिपरिया सहलावन अंतर्गत आने वाले सभी गांवों में सिंथेटिक पायरेट्राइड कीटनाशक का छिड़काव कराकर सभी मच्छरों को खत्म किया जाएगा। इस अभियान के दौरान लोगों को मच्छरों से बचकर रहने भी सलाह दी जाएगी।
मच्छर के कटाने ये छह जानलेवा बीमारिया:
मच्छर के काटने से लोगों को छह जानलेवा बीमारियां होती हैं। इसमें मलेरिया है जो मादा एनाफिलीज के काटने से होती है। इसके काटने से परजीवी लालरक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर एनीमिया जैसी गंभीर जानलेवा बीमारी को जन्म देते हैं। इसी प्रकार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू का भी संक्रमण फैलता है। एजीड मच्छर डंकर मारकर चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी को जन्म देता है। एंडीज इजिष्टी मच्छर के काटने से जीका वायरस फैलता है जो समय पर इलाज न मिले तो मौत संभव है। संक्रमित मच्छर के काटने से जापानी एन्सेफलाइटिस वायरस भी फैलता है। इडीस इजिष्टीआइ स्टीगोमिया फेसियाट मच्छर के काटने यह जानलेवा बीमारी होती है। वहीं क्यूलेक्स के अटैक से फायलेरिया जैसी घातक बीमारी की चपेट में लोग आ रहे हैं।
इनका कहना है
जिले के जिन गांवों में वन-एपीआइ से अधिक वाले मलेरिया के मरीज 2018 के सर्वे में मिले थे वहां पर सिंथेटिक पायरेट्राइड कीटनाशक का छिड़काव कराया जाएगा। यहां पर मच्छरदानियों का वितरण नहीं किया गया। ग्रामीणों को मच्छर से बचकर रहने भी जागरुक किया जाएगा।
शालिनी नामदेव, जिला मलेरिया अधिकारी।
Published on:
12 Jun 2019 12:01 pm
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