
Tandupata collectors will get shoe-slippers and water bottles
कटनी. चिलचिलाती धूप में तेंदूपत्ता तोडऩे के लिए नंगे पैर जंगलों की खाक छानने वाले मजदूर परिवारों (तेंदूपत्ता संग्रहाकों) को मुख्यमंत्री के निर्देशन में मप्र राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल की एजेंसी जूते-चप्पल और पानी की केन देगी। वन मंत्री रहते हुए मंत्री विजय शाह ने यह घोषणा की थी। इस पर जिले में अब अमल होने जा रहा है। योजना को स्वीकृति मिल चुकी है और वन विभाग ने इसके वितरण की तैयारी शुरू कर दी है। जिले के ५० हजार ३८९ तेंदूपत्ता संग्राहकों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा। काम करते समय प्यास बुझाने के लिए जंगल में नदी-नालों का दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए तेंदूपत्ता संग्राहकों को पांच लीटर क्षमता की पानी की केन भी दी जाएंगी। इस योजना के तहत २५ हजार १८८ पुरुष तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूते, २५ हजार २०१ महिलाओं को चप्पल बांटी जाएंगी। इसके साथ ही ५० हजार ३८९ पानी की बॉटलों का शीघ्र वितरण होगा।
बोनस का भी होगा वितरण
तेंदूपत्ता संग्राहकों को सीजन २०१६ के बोनस से भी लाभान्वित किया जाएगा। बोनस वितरण के लिए जिला वनोपज सहकारी यूनियन द्वारा तैयार की जा चुकी है। जिले की ३० समितियों के माध्यम से ५० हजार ३८९ संग्राहकों के लिए ४१ हजार ४५०.३८० मानक बोरा तेंदूपत्ता के मान से २ करोड़ १९ लाख ८७ हजार ७९७.५५ रुपए की राशि जारी हुई है। यह राशि प्रति मानक बोरा ८९६.०६ रुपए के मान से बांटी जाएगी।
तेंदूपत्ता को लेकर खास-खास
- जिले में ३० प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति हैं कार्यरत।
- सालभर में ५१ हजार २०० मानक बोरा तेंदूपत्ता का होता है संग्रहण।
- एक साल में १.५ करोड़ रुपए के पास सरकार के खजाने में जाता है राजस्व।
- आंधप्रदेश, गुजारात, उत्तरप्रदेश की पहली पसंद है कटनी का तेंदूपत्ता।
इनका कहना है
जिले के ५० हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहकों के लिए २ करोड़ रुपए से अधिक की बोनस राशि आ चुकी है। शीघ्र ही इसका भुगतान होगा। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता-चप्पल व केन का वितरण शुरू होगा।
अजय कुमार पांडे, डीएफओ।
Published on:
27 Feb 2018 11:22 am
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