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गजब का है जगन्नाथ मंदिर का इतिहास: भक्त पुरी पहुंचने में हुए असमर्थ तो कटनी चले आए भगवान

- दर्शन यात्रा से थक गए थे कुंजबिहारी, इसलिए कटनी आ गए थे जगन्नाथ स्वामी, पुरी से लौटकर 1864 में कराया था मंदिर का निर्माण, 1935 में हुआ था जीर्णाेद्धार - शहर में भी जगन्नाथ चौक स्थिति सबसे प्राचीन 154 वर्ष पुराने जगन्नाथ मंदिर में भव्य तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। 14 जुलाई को बड़े ही भव्यता के साथ 136वां रथ यात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। इस मंदिर का इतिहास जितना पुराना है वहीं भगवान के यहां स्थापित होने की किवदंती भी बड़ी भावुक करने वाली है। - मंदिर में चौथी पीढ़ी के पुजारी चंद्रिका प्रसाद दुबे ने बताया कि 1864 के पहले चांडक चौक निवासी कुंज बिहारी दुबे (नायक) भगवान जगन्नाथ के दर्शनाथ जगन्नाथ पुरी गए थे। उम्र का चौथा पड़ाव होने के कारण कुंजबिहारी तीर्थ यात्रा में चलने के कारण थक गए थे।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Jul 04, 2019

unique secret of Katni Jagannath Temple

unique secret of Katni Jagannath Temple

कटनी. 'जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ' 4 जुलाई को यह पर्व मनाए जाने को लेकर देशभर में तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। शहर में भी जगन्नाथ चौक स्थिति सबसे प्राचीन 154 वर्ष पुराने जगन्नाथ मंदिर में भव्य तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। 14 जुलाई को बड़े ही भव्यता के साथ 136वां रथ यात्रा महोत्सव मनाया जाएगा। इस मंदिर का इतिहास जितना पुराना है वहीं भगवान के यहां स्थापित होने की किवदंती भी बड़ी भावुक करने वाली है। मंदिर में चौथी पीढ़ी के पुजारी चंद्रिका प्रसाद दुबे ने बताया कि 1864 के पहले चांडक चौक निवासी कुंज बिहारी दुबे (नायक) भगवान जगन्नाथ के दर्शनाथ जगन्नाथ पुरी गए थे। उम्र का चौथा पड़ाव होने के कारण कुंजबिहारी तीर्थ यात्रा में चलने के कारण थक गए थे। पुरी में जाकर जगदीश स्वामी के दर्शन करने के दौरान प्रार्थना करी कि प्रभु मैं अब आपके दर्शन के लिए यहां नहीं आ सकता, आपको कटनी आना पड़ेगा। और वहां से लौटने के बाद जगदीश स्वामी की प्रेरणा से मंदिर की नींव रखी और 1864 में भव्य मंदिर का निर्माण कराया।

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अद्भुत है जगन्नाथ की झांकी
सुंदर नक्कासी के साथ बने इस मंदिर में विराजे भगवान जगन्नाथ की झांकी बड़ी ही आनंदित करने वाली है। मंदिर के पुजारी चंद्रिका प्रसाद दुबे, उमेश दुबे व उनकी मां शशिप्रभा दुबे 68 ने बताया कि 1964 में स्थापित भगवान के कलेवर को अबतक दो बार बदला जा चुका है। 1935 में मंदिर के पुजारी की अनुमति से सेठ बल्लाभदास अग्रवाल ने मंदिर का विशेष जीर्णोद्धार कराया और जगदीश स्वामी, बहन सुभद्रा व बलभद्र का कलेवर बदला गया। अब मंदिर कर सुंदरता देखते ही बनती है। नायक के वंशज राकेश दुबे व रविशंकर ने बताया कि हर वर्ष वे महोत्सव में परिवार सहित शामिल होते हैं। उनके आजाबाबा ने मंदिर बनवाकर बड़ा पुण्य का काम किया है।

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चौथी पीढ़ी के हैं पुजारी
मंदिर जबसे से बना है उसमें चौथी पीढ़ी के पुजारी पूजा कर रहे हैं। 1864 में कैलवारा निवासी रामदास दुबे ने सेवा शुरू की थी। उसके बाद उनके पुत्र राजेश्वरी महाराज, तीसरी पीढ़ी के रमेश दुबे व अब चौथी पीढ़ी के चंद्रिका व उमेश सेवा कर रहे हैं। मंदिर को व्यस्थित करने 1935 के बाद ट्रस्ट के आधीन किया गया। अब मंदिर की व्यवस्था श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट कमेटी द्वारा संभाली जा रही है। चंद्रिका प्रसाद दुबे ने बताया कि आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भगवान स्नान यात्रा पर जाते हैं, स्नान के दौरान जगन्नाथ जी की तबियत बिगड़ जाती है। सेवा-खुसामद ठीक से न होने के कारण भगवान रूठ जाते हैं और जनकपुरी भाग जाते हैं, जिसकी याद में यह रथ यात्रा निकाली जाती है। वहीं यह भी कथा है कि भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा ने नगर यात्रा कराने की बात कही थी। इस पर श्रीकृष्ण व बलभद्र ने द्वारका में नगर भ्रमण कराया था, जिसकी याद में यह यात्रा निकलती है।

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वाहन रैली से दिया आने का निमंत्रण
जय-जय जगन्नाथ की जयघोष..., आसमान पर लहराते झंडे के साथ वाहनों पर शहर भ्रमण करते श्रद्धालु...। यह नजारा था बुधवार को शहर की सड़कों का। अवसर था 4 जुलाई को शहर में निकलने वाली भव्य जगन्नाथ रथयात्रा के लिए आमंत्रण देने का। आयोजन कमेटी सहित शहर के श्रद्धालुओं द्वारा शहर में वाहन रैली निकालकर लोगों को भगवान की रथ यात्रा में शामिल होनें के लिए बुलावा दिया। महापौर ने झंडी दिखाकर वाहन रैली को रवाना किया। वाहन रैली जगन्नाथ मंदिर से प्रारंभ होकर घंटाघट, गर्ग चौराहा, नई बस्ती, हीरागंज, बरही रोड, स्टेशन रोड, मेन रोड, गणेश चौक, कचहरी चौक, थाना तिराहा, मिशन चौक से होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। श्री जगन्नाथ मंदिर कमेटी के के अध्यक्ष प्रमोद सरावगी ने बताया कि रथ यात्रा को लेकर आवश्यक तैयारी कर ली गई है। गुरुवार को मंदिर में शाम 5 बजे पूजन अर्चन के बाद रथ यात्रा प्रारंभ होगी। रथ यात्रा में जिसमें विभिन्न मंडलियां, झांकियां, अखाड़े शामिल होंगे। रथ यात्रा जगन्नाथ चौक से शुरू होकर आजाद चौक, झंडा बाजार, सुभाष चौक, कमानिया गेट होते हुए देर शाम सब्जी मंडी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर पहुंचेगी।

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वाहर रैली में अध्यक्ष प्रमोद सरावगी, संयोजक विजय ठाकुर, रवि खेर, रमेश सोनी, शिव सोनी, संजय गिरी, मृदुल द्विवेदी, संतोष शुक्ला, अजय माली, अनुनय शुक्ला, गीता गुप्ता, गीता पाठक, शाहीन सिद्दीकी, सपना सरावगी, मंजूषा गौतम, संगीता जायसवाल, शमीम बानो, इंदू पाठक, आशीष शुक्ला, रेख अंजू तिवारी, रुकमणि बर्मन, किरण सिंह, ऋचा गेलानी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।