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‘गरीबों का निवाला खा रहे कीड़े’, हजारों टन गेहूं में ‘घुन’

Katni News: जिले के वेयरहाउसों में 2019 से 2022 तक का गेहूं, नान, वेयर हाउस प्रबंधन और डीसीसी कमेटी ने किया दावा, साफ कराया जाएगा, पांच साल से वेयरहाउसों में पड़ा अनाज, भंडारण में करोड़ों झोंके, सवाल तब भी अब तक क्यों नहीं की निगरानी, क्या कीड़े लगे इसी अनाज से भरेगा गरीबों का पेट?

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कटनी

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Sanjana Kumar

Aug 19, 2025

Katni News

Katni News: जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण हजारों टन गेहूं में घुन लग गई, गरीबों का निवाला खा रही घुन के कारण आटा बन रहा गेहू हुआ खराब. (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया, इनसेट- पत्रिका)

Katni News: जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे गए गेहूं को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों (पीडीएस) के माध्यम से गरीबों तक पहुंचाने की योजना भारी अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई है। जिले के अलग-अलग वेयरहाउसों में भंडारित करीब 5 हजार टन गेहूं बर्बाद हो चुका है। गेहूं पर कीड़े लग गए तो कहीं यह आटे में तब्दील हो गया। गरीबों के निवाले की यह दुर्दशा न केवल नागरिक आपूर्ति निगम, वेयर हाउस प्रबंधन, गोदाम प्रबंधन व जिला प्रशासन की लापरवाही उजागर करती है बल्कि जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। समय पर उठाव न होने और यूमीगेशन में लापरवाही सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।

2019 से 2022 तक का गेहूं पड़ा है गोदामों में

2019-20, 2020-21 और 2021-22 तक का गेहूं आज भी गोदामों में पड़ा हुआ है। केजी चौदह, राधिका, ओम साईराम, श्याभवी, पैक्स बराज, पैक्स विजयराघवगढ़ और श्रीनिवासन वेयरहाउस में यह अनाज भंडारित है। नान, वेयर हाउस प्रबंधन व डीसीसी कमेटी द्वारा अनाज को साफ कराए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जिमेदार एजेंसी ने न तो माल उठवाया और न ही अब तक आगे के लिए सुरक्षित कराया।

2022 में हुआ रिजेक्ट

जानकारी अनुसार भारतीय खाद्य निगम ने मार्च 2022 में ही इस गेहूं को अमानक और मानव स्वास्थ्य के लिए घातक घोषित कर दिया था। इसके बाद भी जिम्मेदार विभागों ने स्थिति सुधारने की जहमत नहीं उठाई। सवाल यह उठता है कि आखिर गरीबों के हक का अनाज पांच साल तक गोदामों में क्यों सड़ने दिया गया? करोड़ों रुपए भंडारण व सुरक्षा पर खर्च करने के बावजूद निगरानी क्यों नहीं हुई?

किराये का चल रहा खेल

हैरानी की बात यह है कि वेयरहाउस मालिकों को अनाज की सुरक्षा के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपए किराए के रूप में दे रही है, फिर भी अनाज जिले में साल दर साल खराब होता चला जा रहा है। हालांकि समय पर उठाव न कराया जाना भी प्रमुख समस्या है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 2019-20 के भंडारण पर 3 करोड़ 81 लाख 7 हजार 880 रुपए, 2020-21 पर 4 करोड़ 70 लाख 3 हजार 568 रुपए, 2021-22 पर 3 करोड़ 61 लाख 9 हजार 980 रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। यानी केवल किराए और भंडारण में ही कई करोड़ रुपए झोंक दिए गए, लेकिन गरीबों के निवाले की रक्षा नहीं हो सकी।

वेयरहाउसों में खराब हुए अनाज की डीसीसी पूरी

वेयरहाउसों में जो अनाज खराब हुआ है उसके डीसीसी की प्रक्रिया हो गई है। उठाव कराया जाएगा। संबंधितों पर कार्रवाई होगी।

-देवेंद्र तिवारी, प्रबंधक नान

खराब अनाज को साफ कराया जाएगा

डिस्ट्रिक कोर कमेटी के निर्णय के बाद नान द्वारा खराब अनाज को साफ कराया गया है। टेंडर के बाद नियमानुसार उठाव कराया जाएगा।

वायएस सेंगर, प्रबंधक वेयर हाउस