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महिला दिवस विशेष- खेत में उतरीं महिलाएं तो बदल दी गांव की किस्मत, जैविक खेती से कायम की मिसाल…

बंडा गांव में तीन महिलाओं ने शुरू किया था काम, उनके सहयोग से अब 30 महिलाएं कर रहीं खेती, बना रहीं जैविक उत्पाद

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कटनी

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Mukesh Tiwari

Mar 08, 2020

Women earned name from organic farming

जैविक खेती करने वाली महिलाएं।

कटनी. पांच साल पहले बंडा गांव की तीन महिलाओं ने जैविक खेती का प्रशिक्षण लिया और खेती के क्षेत्र में उतर गईं। आज गांव की तस्वीर बदली नजर आती है। बंडा में तीनों महिलाओं से प्रेरित होकर व उनके सहयोग से अब 30 महिलाएं जैविक खेती के साथ उत्पाद बना रही हैं। इतना ही नहीं गांव में अधिकांश खेती अब जैविक तरीके से ही हो रही है।
बंडा गांव निवासी मंजूलता हल्दकार, रोशनी हल्दकार, उर्मिला काछी ने लगभग पांच वर्ष पूर्व कृषि विभाग की योजना के तहत जैविक खेती का प्रशिक्षण लिया था। प्रशिक्षण के साथ ही उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ खेतों में उतरकर जैविक खेती शुरू की। परिवार सब्जी उगाने का काम करता था और सालभर में दो बार खेती होती थी। तीनों महिलाओं की मेहनत की बदौलत जहां अब उनके खेतों में तीन बार सब्जी की फसल आती है तो जैविक खाद, जैविक कीटनाशक, केंचुआ खाद भी खुद तैयार करती हैं और उनका दूसरे किसानों को विक्रय भी करती हैं। तीनों महिलाओं ने खुद खेती करने के साथ ही गांव की अन्य महिलाओं को इसके लिए प्रेरित किया। तीनों महिलाओं सहित 7 अन्य महिलाएं जहां उत्कृष्ट खेती कर रही हैं तो 20 महिलाओं ने भी जैविक खाद बनाने का काम प्रारंभ किया है।

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कई शहरों में हो चुकी हैं पुरस्कृत
बंडा गांव मेंं महिलाओं को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने व खुद उत्कृष्ट कार्य करने को लेकर मंजूलता, रोशनी, उर्मिला जिला स्तर से लेकर अन्य शहरों में भी पुरस्कृत हो चुकी हैं। जबलपुर, भोपाल, रीवा में महिलाओं को जैविक खेती के क्षेत्र में विशेष सराहना के साथ पुरस्कार मिले हैं।