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CG News: सीसीटीवी की निगरानी में हो रही धान खरीदी, केंद्र को मिले 13 हजार बारदाने जिला प्रशासन अंतर्गत खाद्य विभाग की टीम ने दो दिनों में ही लगभग 4 लाख बारदाना 15 से अधिक राइस मिल से जब्त किए हैं। जब्ती की कार्रवाई जिले के चारों विकासखंडों में की जा रही है। शुरूवाती दौर में ही पहले दिन 4 राइस मिले से एक लाख बारदाना और दूसरे दिन 16 राइस मिल से 1.85 लाख
बारदाना जब्त किए। जबकि अभी प्रशासन को 78 राइस मिल से 5 हजार 700 गठान बारदाने लेने हैं, जिसे राइस मिलर्स द्वारा राज्य सरकार से अपना कमीशन न मिलने की जिद पर जाम करके रखे हैं। धान खरीदी में बारदाने की किल्लत होने लगी है, जिसे लेकर विपक्ष मुद्दा भी बना रहा है।
बारदाने की कमी पर राज्य सरकार की खरीदी के 15 दिनों के भीतर ही किरकिरी होने लगी है।
किसानों ने भी बारदाने को लेकर विरोध जताया है। अभी तो खरीदी की शुरूवात है जो 31 जनवरी तक चलेगा। इस बीच बारदाने को लेकर किचकिच तो होगा ही, जिसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है।
नहीं लौट रहे थे
14 नवम्बर से खरीदी शुरू हुई है। शुरूवाती दौर में ही बारदाने की किल्लत होने से राज्य सरकार के मंसूबे पर सवाल खड़े होने लगे हैं। केवल राइस मिलर अपनी मनमानी करते हुए, अपनी मांग मनवाने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बना रहे हैं। पूरे प्रदेश में राइस मिलर बारादाने जाम करके रखे है। यह दो साल का कमीशन न मिलने का हवाला दिया गया है जो कांग्रेस शासन काल की ही बताई जा रही है। लेकिन राइस मिलर धान खरीदी प्रभावित करने की नियत से बारदाने सरकार को वापस नहीं लौटा रहे हैं। खाद्य अधिकारी सचिन मरकाम ने बताया कि राइस मिल से बारदान जब्त किए जा रहे हैं। अभी दो दिनों के भीतर ही 20 राइस मिल से 2.85 लाख बारदाने जब्त किए हैं। जिले में वर्तमान स्थिती में 78 राइस मिल संचालित है। जहां पर सभी को मिलाकर 5700 गठान बारदाना वसूल किए जाने हैं। अब भी राइस मिलर अपने से बारदाना जमा नहीं करेंगे तो सख्ती और तेज होगी। सभी से तय लिमिट पर रखे बारदाने जब्त किए जाएंगे।
बकाया राशि के भुगतान की मांग है
जिला राइस मिलर एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल चंद्रवंशी ने कहा कि जिला प्रशासन जो कार्रवाई कर रही है उससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। यह बारदाना मिलर को ही सोसायटी तक पहुंचाना था लेकिन शासन के पास लंबित मांग के चलते यह नहीं हो पाया। प्रमुख मांग है कि पूर्व वर्षों के लंबित राशि का भुगतान किया जाए। वहीं कस्टम मिलिंग नीति 2024-25 है उसमें बदलाव होना चाहिए।