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CG Tourism: भोरमदेव अभयारण्य में जंगल सफारी फिर से शुरू करने की मांग, इस वजह से हो गया था बंद

CG tourism: खासकर पर्यटन को लेकर भोरमदेव अभयारण्य में एक बार फिर से जंगल सफारी शुरू करने की मांग हो रही है। वन अमले इसकी तैयारी भी कर रहा है

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CG Tourism: कवर्धा जिला वनसंपदा से भरपूर है यहां पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं हैं। जंगल का रास्ता आम लोगों के लिए नहीं खुल पाया है। खासकर पर्यटन को लेकर भोरमदेव अभयारण्य में एक बार फिर से जंगल सफारी शुरू करने की मांग हो रही है। वन अमले इसकी तैयारी भी कर रहा है, जिसका लोगों के बीच अच्छा प्रतिसाद मिलेगा।

CG Tourism: 2015 में की थी शुरुआत

CG Tourism: जिले के भोरमदेव अभयारण्य में तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2015 में जंगल सफारी की शुरूवात की थी। कान्हा के तर्ज पर यहां जिप्सी का संचालन किया गया था। करीब 3 साल यह सफारी चला। इस बीच भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र में नक्सली आमदगी व दो तीन पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के चलते पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था, क्योंकि कभी भी मुठभेड़ के चलते बड़ी अनहोनी हो सकती थी। सुरक्षा से किसी तरह से कोई समझौता न करते हुए तत्काल सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया था। जो उस समय की परिस्थितियों के लिहाज से सही भी था। लेकिन इन पांच-छह सालों में भोरमदेव अभयारण्य की स्थिती परिस्थिति बदली है।

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बैकफूट पर नक्सली

पुलिस की लगातार प्रभावी कार्रवाई से नक्सली बैकफूट पर हैं। अब इन क्षेत्रों में शांति बनी हुई है। पुलिस की पहुंच है, क्षेत्र सुरक्षित है नक्सलियों का जरा भी प्रभाव नहीं है। झलमला थाना, भोरमदेव थाना, सीएएफ कैंप खुलने से नक्सलियों के मंसूबे नाकाम हो गए हैं। अब वे इस क्षेत्र में दोबारा सिर उठाने की स्थिती में नहीं है। ऐसे बदले माहौल में पर्यटकों को सुविधा देने के लिहाज से एक बार फिर जंगल सफारी शुरू करने की कवायद की जानी चाहिए। प्रशासन भी इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि निर्णय शासन स्तर पर ही होना है।

बिना किसी के परेशानी के घूम सकेंगे लोग

जंगल सफारी शुरू होने से पर्यटकों को सुविधा व लाभ तो मिलेगा ही। साथ ही स्थानीय लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा। जिप्सी संचालन से मालिक के साथ-साथ चालक, गाइड को काम मिलेगा, वन अमले को राजस्व की प्राप्ति भी होगी। साथ ही लोगों को कान्हा के बराबर तो नहीं पर जो कान्हा नहीं जा सकते हैं उनके पास कम समय में, कम खर्च में सुविधा मिल सकती है। साथ ही लोग कवर्धा जिले के वन क्षेत्र की सुंदरता, प्राकृतिक नजारे से रूबरू हो सकेंगे। इससे पहले भी यहां जंगल सफारी का संचालन किया जा चुका है, जो सफलतापूर्वक तीन साल चला भी है। बिना किसी परेशानी के तय रूट पर लोगों को जंगल सफारी का आनंद लेते देखा गया है। दो शिट में सफारी का संचालन होता था जिस पर जाने के लिए पर्यटकों की खासा भीड़ रहती थी।