scriptछत्तीसगढ़ में डायरिया का कहर! 70 से अधिक ग्रामीणों की बिगड़ी तबियत, अब तक इतनों की मौत | Diarrhea wreaks havoc in Chhattisgarh, 70 people fall ill so far, 1 dead | Patrika News
कवर्धा

छत्तीसगढ़ में डायरिया का कहर! 70 से अधिक ग्रामीणों की बिगड़ी तबियत, अब तक इतनों की मौत

Diarrhea havoc in Chhattisgarh: बीते सप्ताह 6 मई से उल्टी दस्त की शिकायत हुई। इसके बाद जांच में पहले ही दिन 7 मरीज मिले, जिसके बाद मरीजों की संया बढ़ती गई।

कवर्धाMay 15, 2024 / 09:08 am

Khyati Parihar

havoc of diarrhea, health news, health alert
Diarrhea havoc in Chhattisgarh: कवर्धा के सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम कोयलारी में डायरिया का कहर जारी है। सोमवार को पांच और उल्टी दस्त के मरीज मिले, जिनका इलाज जारी है। फिलहाल गांव की स्थिति सामान्य है क्योंकि पूरा स्वास्थ्य अमला गांव में ही है।
ग्राम कोयलारी में बीते सप्ताह 6 मई से उल्टी दस्त की शिकायत हुई। इसके बाद जांच में पहले ही दिन 7 मरीज मिले, जिसके बाद मरीजों की संया बढ़ती गई। एक सप्ताह के दौरान अब तक 50 मरीज मिल चुके हैं। अधिकतर मरीजों की ईलाज हो चुका और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम को उल्टी-दस्त के पांच और मरीज मिले। सभी मरीजों को स्थानीय हाईस्कूल में लगाए गए अस्थाई शिविर में रखा गया है और ईलाज शुरु किया गया। वहीं अभी की स्थिति में 14 मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं। वहीं सीएमएचओ डॉ.बीएल राज भी निरीक्षण के लिए गांव पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
यह भी पढ़ें

खौफनाक! खेत में मिली बुजुर्ग महिला की लाश, इस हाल में देख पुलिस हुई हैरान…हत्या की आशंका

जलस्त्रोत हो चुके दूषित

गांव की आबादी दो हजार के आसपास है। वहीं गांव में कुओं की संया अधिक है। लगभग हर घर में कुआं है। वहीं गांव में हैण्डपंप भी है, लेकिन समस्या है कि इन जल स्त्रोतों के आसपास ही कचरा फेका जाता है। कचरों की गंदगी आसपास जलस्त्रोत को दूषित कर दिया। इसकी चपेट मे आने से ग्रामीण बीमार होने लगे। टीम ने पेयजल के लिए प्रयोग किए जाने वाले सभी जल स्रोतों में ब्लीचिंग घोल डाला। वहीं ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई।

लापरवाही बरत रहे पंचायत प्रतिनिधि

हर पंचायत में जल स्त्रोत के आसपास की सफाई, ब्लिचिंग पाउडर छिड़काव के लिए फंड रहता है। फंड नहीं मिलने पर स्थानीय आवक या फिर प्रशासनिक स्वीकृति से साफ-सफाई कराया जाता है। लेकिन ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा इसमें लापरवाही बरती जाती है। वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत के अधिकारी भी कभी इसकी सुध नहीं लेते। राशि उचित उपयोग हो रहा है कि नहीं इसका भी मॉनिटरिंग होनी चाहिए।

Hindi News/ Kawardha / छत्तीसगढ़ में डायरिया का कहर! 70 से अधिक ग्रामीणों की बिगड़ी तबियत, अब तक इतनों की मौत

ट्रेंडिंग वीडियो