CG Road Accident: हम नहीं सुधरेंगे….हम नहीं सुधरेंगे…. शायद यह गाना उन बेपरवाह लोगों के लिए बनी है जो कसम खा चुके हैं कि भले ही जान जाएं लेकिन सवारी तो यात्री वाहन की जगह पिकअप, ट्रैक्टर और मालवाहकों से ही करेंगे। वहीं लापरवाह पुलिस की टीम भी जो इन्हें अपने आंखों से सामने से गुजरने दे रही है।
भोरमदेव मंदिर से दर्शन कर पिकअप वाहन में लौट रहे लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए। ग्राम हरमो के पास सरोदा मार्ग पर वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे मैदान पर जा पलटा। इससे एक 11 साल की बच्ची की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए, जिसमें चार लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कुछ माह पूर्व ही पिकअप के पलटने से 19 लोगाें को चिताएं एकसाथ जली थी। यह दृश्य लोगों और पुलिस प्रशासन के आंखों से ओझल हो चुका है शायद इसलिए ही लोग मालवाहकों में ही सवारी कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन उन्हें रोक भी नहीं रही है। शायद और हादसों के इंतजार में है। तभी तो इस लापरवाही के चलते आए दिन इस तरह की सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं जानें जा रहीं हैं बावजूद सुधार का प्रयास का नहीं हो रहा है।
केवल दिखावे के लिए कुछ दिन औपचारिक चालानी कार्रवाई कर दी, हो गई इतिश्री। यह औपचारिकता भारी पड़ रही ही है, लोगों पर और प्रशासन पर भी। मालवाहकों में यात्री सवारी की नो एंट्री अनिवार्य होना चाहिए। कोई चालानी कार्रवाई नहीं सीधे वाहन की जब्ती हो। तभी मालवाहकों को सवारी वाहन बनने और इस तरह की दुर्घटनाओं से रोका जा सकता है।
बेमेतरा जिला के ग्राम किरकी के महिला, बच्ची समेत 20-22 लोग रविवार की सुबह दर्शन के लिए भोरमदेव पहुंचे थे। पूजा अर्चना व दर्शन के बाद दोपहर करीब 3 बजे पिकअप वाहन से ही ग्राम छपरी की ओर से सरोदा जलाशय की ओर घूमने लिए निकले। लेकिन ग्राम हरमो के पास मोड़ पर वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे से नीचे मैदान पर जा पलटा। इससे 11 वर्ष की वैष्णवी पिता सुरेन्द्र साहू वाहन की नीचे ही दब गई, जबकि अधिकतर लोग एक-दूसरे पर जा गिरे।
बच्चे और महिलाओं को अधिक चोटें आयी। काफी मशक्कत के बाद बच्ची को निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। रोते बिलखते बच्चों की आवाज सुनकर राहगिर रुके और पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दिए। घायल हुए 12 लोगों को डॉयल 112 और संजीवनी 108 की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें चार लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।
आश्चर्य होता है पिकअप वाहन, ट्रैक्टर सवारी से बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है, बावजूद सड़क पर पिकअप और ट्रैक्टर पर सवारी क्यों गुजरने दिया जाता है। अभी सावन माह के चलते अन्य जिले से भी बड़ी संया में श्रद्धालु टैक्टर और पिकअप पर सवार होकर धार्मिक स्थल पहुंच रहे हैं और दुर्घटनाएं भी हो रही है। बावजूद बेरोक-टोक आवागमन हो रहा है। आखिर पुलिस प्रशासन इस पर लगाम क्यों नहीं लगाती। इस तरह से छूट का नतीजा सामने है कि लोगों की जानें जा रहीं हैं।
Updated on:
12 Aug 2024 11:18 am
Published on:
12 Aug 2024 11:16 am