
खाद की किल्लत व बिजली समस्या! किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन(photo-patrika)
CG Farmer Protest: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में सोमवार को भारतीय किसान संघ ने अपने 12 सुत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। नगर के बलराम भवन में किसान बड़ी संया में एकत्र हुए, जहां पर छोटी सी सभा व बैठक कर मोटर साइकिल रैली निकाली। रैली सीधे कलेक्टर कार्यालय पहुंची, जहां किसानों को पहले ही रोक लिया गया। किसानों ने बिजली की समस्या प्रमुखता के साथ रखी, जिससे किसान खासे परेशान है।
बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने समाधान का भरोसा दिलाया। इसके बाद किसानों ने मुयमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने गन्ने का बोनस, गन्ने का मुल्य बढ़ाने, गन्ने का भुगतान करने सहित अन्य मांगों पर जल्द निर्णय लेने की मांग की गई है। किसानों ने अपनी मांग में कहा कि सेवा सहकारी समितियों से नहीं जुड़े हुए किसान को नकदी में खाद दिया जाए। अन्य राज्यों/स्रोतों से अतिरिक्त बिजली खरीद कर कृषि पंपों के लिए आवश्यक बिजली की पूर्ति की जाए, जहां-जहां पॉवर ट्रांसफार्मर या सप्लाई ट्रांसफार्मर ओव्हरलोड है।
वहां ज्यादा क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाया जाए। नए पंप कनेक्शन की मांग करने वाले उपभोक्ता किसानों को टीसी कनेक्शन दिया जाए। जहां जरूरत हो वहां 11 केव्ही ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाए। ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक स्थायी या अस्थायी कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं किया है, जो पंप चला रहे हैं, उनका सर्वे कर उन्हें तुरंत टीसी कनेक्शन दिया जाए। सिंचाई नहरों का मरमत और साफ सफाई की कमी की वजह से बांधों और डायवर्सन का पानी किसान तक आवश्यकता के अनुसार नहीं पहुंच रहा है। वहां की सफाई और मरमत किया जाना चाहिए। सुतिया पाट नहर विस्तारीकरण के कार्य में गति लाने के लिए जमीन अधिग्रहण सबधी कार्य को तेजी से किया जाए।
जगमड़वा, बडौदा, करियाआमा सहित सभी सिंचाई परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाई जाए। गन्ना किसानों को 120 रुपए प्रति क्टिंल बोनस दिया जाए। सभी शेयर धारी किसानों को शीघ्र की रियायती दर पर 50 किलो शक्कर दिया जाए। सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना के किसानों की 34 करोड़ रु. के संचित गन्ना भुगतान की राशि को शीघ्र दिया जाए। जिले के दोनों शक्कर कारखानों को घाटे में उबारने के लिए इनके खर्च में कटौती किया जाए। साथ ही दोनों कारखानों से अतिरिक्त कर्मचारियों की छटनी की जाए।
प्रदेश में दूसरी प्रमुख समस्या बिजली कटौती है। विद्युत विभाग द्वारा कटौती के नाम पर मनमानी की जा रही है। जिस कारण कृषि कार्य बहुत प्रभावित हो रहा है व खेतों में फसल सूखने की स्थिति में है। भारतीय किसान संघ मुयमंत्री से मांग करता है कि निजी खाद व्यापारियों पर कठोर कार्रवाई कर सभी सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद का भण्डारण किया जाए। यदि किसानों की समस्याओं का तत्काल निराकरण नहीं किया गया जो भारतीय किसान संघ बड़े आदोलन के लिये बाध्य होगा।
इसके अलावा खाद माफियाओं पर कार्यवाही व सहकारी समितियों में खाद का पर्याप्त भण्डारण और कृषि पंपों के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए 18 जून 2025 को भारतीय किसान संघ द्वारा तहसील स्तर पर ज्ञापन देकर खाद की कमी और कालाबाजारी से अवगत कराया गया था, लेकिन इस विषय को लेकर अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।
बहुत से खाद व्यापारी युरिया खाद को 266 के स्थान पर 800 व डीएपी 1350 रुपए के स्थान पर 2000 रुपए में बेच रहे हैं। बहुत से सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान परेशान है व दुकानों से महंगे दामों में लेने के लिए विवश हो गए हैं।
Published on:
12 Aug 2025 04:04 pm
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