
Lumpi disease: वेंकटेश्वर टॉकिज के करीब मवेशियों के शरीर पर लंपी डिजीज नजर आया। इसकी शिकायत विजय साहू समाजसेवी ने सांसद विजय बघेल से की। इसके बाद मौके पर जांच करने के लिए चिकित्सक पहुंचे हैं। 2022 के दौरान लंपी से राजस्थान में सबसे अधिक मवेशियों की मौत हुई थी। तब राजस्थान में लाखों मवेशियों लंपी से प्रभावित हुए थे।
लंपी बीमारी के लिए टीके उपलब्ध हैं। संक्रमित नहीं हैं, ऐसे मवेशियों को भी टीकाकरण कर सुरक्षित किया जा सकता है। अगर बीमारी बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, तो एंटीबायोटिक्स दिए जा सकते हैं। असहजता को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं। मवेशी को आराम और देखभाल देना जरूरी है।
लंपी स्किन वायरस रोग मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है, जो उनकी त्वचा पर गांठें और फफोले पैदा करता है। यह रोग मवेशियों की सेहत और दूध उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
लंपी बीमारी या लंपी स्किन डिजीज एक वायरल संक्रमण है, जो मवेशियों में होता है। यह बीमारी मवेशियों की त्वचा पर गांठें या लंप्स का कारण बनती है, जो दर्दनाक और असहज हो सकती हैं। इसकी शिकायत मिलते ही चिकित्सक को शिकायत कर मवेशी का उपचार करना चाहिए, वर्ना यह फैलने लगता है।
लंपी बीमारी एक वायरस से फैलती है, जो मवेशियों के बीच संपर्क से फैलता है। मकड़ियों और मच्छरों से फैलाव होता है। यह कीट वायरस को एक मवेशी से दूसरे मवेशी में पहुंचा सकते हैं। सं₹मित मवेशी के संपर्क में को मवेशी आता है, तो वह भी सं₹मित हो सकता है। इस वजह से संक्रमित मवेशी को दूसरे मवेशियों से अलग रखकर इलाज किया जाता है।
मवेशियों के त्वचा पर गांठें या लंप्स आना
मवेशियों में दर्द और असहजता
मवेशियों को बुखार आना
मवेशियों में कमजोरी और थकान
मवेशियों का चारा खाना कम कर देना
टीकाकरण, संक्रमित मवेशियों को अलग रखना
मकड़ियों और मच्छरों को नियंत्रित करना
वेटरनरी चिकित्सक डॉ. सुधीर प्रताप सिंह ने कहा भिलाई के कुछ मवेशियों में लंपी रोग को लेकर शिकायत मिली है। टीम को भेजा गया है। जांच के बाद साफ होगा। इस वर्ष में यह पहली शिकायत है।
Updated on:
29 Oct 2024 01:57 pm
Published on:
29 Oct 2024 01:56 pm
बड़ी खबरें
View Allकवर्धा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
