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हनुवंतिया में फिल्म की शूटिंग, क्रूर जमींदार बने शक्ति कपूर 

स्वतंत्रता सेनानी भीमा नायक के जीवन पर बन रही है फिल्म... फि ल्म के निर्देशक मुकेश भी एक प्रमुख किरदार भीमा नायक का रोल निभा रहे हैं। बॉलीवुड कलाकार शक्ति कपूर जमींदार का रोल कर रहे हैं। 

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Rajiv Jain

Jan 16, 2017

bhima nayak film of Shakti kapoor Shooting in hanu

bhima nayak film of Shakti kapoor Shooting in hanuwantiya at khandwa

खंडवा. हनुवंतिया टापू अब फिल्मी कलाकारों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जल महोत्सव के समापन के बाद अब यहां बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग शुरू हो गई है। 15 जनवरी से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदिवासी भीमा नायक के जीवन पर आधारित फिल्म की शूटिंग शुरू हुई। इसमें बॉलीवुड कलाकार शक्ति कपूर जमींदार का रोल कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने रविवार को मुहूर्त शॉट के लिए क्लैपिंग की। पहले दिन करीब पांच मिनट की फिल्म शूट की गई।

shakti kapoor at hanuwantiya


एमपी फिल्म एंड अवार्ड एकेडमी के निर्देशक मुकेश चौकसे ने पत्रिका डॉट कॉम से विशेष बातचीत में बताया कि इस फिल्म में प्रसिद्ध बॉलीवुड कलाकार शक्तिकपूर के साथ साथ प्रदेश की प्रतिभाएं भी अभिनय करती नजर आएंगी। फि ल्म के निर्देशक मुकेश भी एक प्रमुख किरदार भीमा नायक का रोल निभा रहे हैं। उन्होंने पहले दिन शूटिंग में कहा कि मैं देश को आजादी दिलाकर ही रहूंगा। इस पर कू्र जमींदार बने शक्तिकपूर ने कहा कि तुम्हें आजादी नहीं फांसी मिलेगी। करीब चार माह में शूट होने वाली इस फिल्म का कुछ हिस्सा हनुवंतिया में और बाकी हिस्सा मध्यप्रदेश की अच्छी लोकेशन, आदिवासी क्षेत्रों पर शूट होगा।

Hanuwantiya Film Shooting and shakti kapoor

गोवा की तरह शानदार
पत्रिका से विशेष बातचीत में शक्तिक पूर ने कहा कि हनुवंतिया गोवा की तरह शानदार है। मौका मिला तो वे पूरे परिवार के साथ यहां छुट्टिया बिताना पसंद करेंगे। यहां न चिल्ल पौ है.. न रोज की भागदौड़। यहां मैं कुछ दिन एकांत में बिता सकता हूं।

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भाव पैदा करना ही असली कलाकारी

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उन्होंने कहा कि भले ही मैं बुरे रोल करता हूं पर मैं ऐसा नहीं हूं। उन्होंने कहा कि परिवार के साथ पॉजिटिव सोच आती है। सिर्फ बॉडी बना लेने से कोई एक्टर नहीं बन जाता। इसके लिए एक्टिंग जानना ज्यादा जरूरी है। जब तक इंसान के भीतर कलाकार का भाव पैदा नहीं होता तब तक वह अभिनेता नहीं बन सकता।

राजेश खन्ना ने दिलाई जानकारी
निर्देेशक चौकसे के अनुसार स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी आदिवासी टं्टया मामा भील, भीमा नायक, शंकर शाह, रानी अवंतीबाई, झलकारी बाई, ठाकुर रणमतसिंह, रघुनाथसिंह मंडलोई, भिलाला आदि का इतिहास जानने के लिए वर्ष 1990 में संस्कृति विभाग को पत्र लिखकर जानकारी मांगी तो संस्कृति विभाग ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हमारे पास किसी प्रकार की जानकारी व फोटो उपलब्ध नहीं हैं। तब फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना ने लंदन की लायब्रेरी से जानकारी उपलब्ध कराई।

गांव-गांव घूमकर जुटाए तथ्य
इसके पश्चात चौकसे ने बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर, सेंधवा, धार, झाबुआ, महेश्वर, इंदौर, झांसी, ग्वालियर आदि स्थानों पर घूमकर गांव के बुजुर्गों से मिलकर सही जानकारी एकत्रित की। इसके बाद इस फिल्म की कहानी पर काम किया जा सका।इसके पहले मुकेश चौकसे टंट्या भील और डाकू मलखान सिंह पर फिल्म बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि भीमा नायक एक रियल हीरो पर फिल्म है। इसके माध्यम से लोग इस महानायक भीमा नायक को जान पाएंगे।

bhima nayak film of Shakti kapoor Shooting in hanu
लोगों ने ली शक्ति के साथ सेल्फी
शक्ति कपूर के साथ फोटो खिंचवाने के लिए पुलिसकर्मियों में भी होड़ लगी रही। कपूर ने युवतियों के साथ सेल्फी लेने में रुचि दिखाई। पर्यटन निगम के एमडी हरिरंजन राव ने कहा कि हनुवंतिया के वीडियो दिखाकर मुंबई में बॉलीवुड को लुभाएंगे।

मप्र में शूटिंग करने पर देंगे सब्सिडी
मंत्री तपन भौमिक ने कहा मप्र में फिल्म की शूटिंग के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। यहां फिल्म की शूटिंग करने पर सब्सिडी दी जाएगी। हनुवंतिया यहां फिल्म की शूटिंग करने पर सब्सिडी दी जाएगी। हनुवंतिया फिल्म शूटिंग के लिए एक अच्छी जगह है।

निमाड़ के रॉबिनहुड हैं भीमा नायक

निमाड़ के रॉबिनहुड कहलाने वाले भीमा नायक ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया था। अंग्रेज सरकार की ओर से उन पर दोष सिद्ध होने से उन्हें पोर्ट ब्लेयर व निकोबार में रखा गया, उनकी मौत 29 दिसंबर 1876 को पोर्ट ब्लेयर में हुई थी। भीमा नायक के जीवन को लेकर अब कई तथ्य अबूझ हैं। उनकी कोई ओरिजनल फोटो भी नहीं मिली है। अब तक उन पर कई लोगों ने शोध किया है। इसके अनुसार भीमा नायक का कार्य क्षेत्र बड़वानी रियासत से वर्तमान महाराष्ट्र के खानदेश क्षेत्र तक रहा है। 1857 में हुए अंबापानी युद्ध में भीमा की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। अंग्रेज जब भीमा को सीधे नहीं पकड़ पाए तो उनके ही किसी करीबी की मुखबिरी से उन्हें धोखे से पकड़ा गया। यह भी तथ्य है कि तात्या टोपे जब निमाड़ आए थे तो उनकी मुलाकात भीमा नायक से हुई। उस दौरान भीमा ने उन्हें नर्मदा पार करने में सहयोग किया। उन पर निमाड़ के बड़वानी पीजी कॉलेज के दो प्राध्यापक डॉ. पुष्पलता खरे व डॉ. मधुसूदन चौबे रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने नई दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखे ढेरों दस्तावेजों में से भीमा नायक की डेथ सर्टिफिकेट ढूंढ निकाला। उसके अनुसार पोर्ट ब्लेयर व निकोबार के कनविक्ट रिकॉर्ड डिपाटमेंट से जारी किया गया था। इस फिल्म के निर्माण से लोग भीमा नायक को जान पाएंगे।

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