
खंडवा. खंडवा से भाजपा विधायक देवेन्द्र वर्मा के जाति सर्टिफिकेट को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश ने हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को 90 दिनों के अंदर शिकायत का निराकरण करने के लिए कहा है। कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय ने विधायक देवेन्द्र वर्मा की जाति को लेकर सवाल उठाए हैं और उनका आरोप है कि विधायक देवेन्द्र वर्मा के पूर्वज जाट यानि सामान्य रहे हैं लेकिन देवेन्द्र वर्मा ने सिलावट जाति का झूठा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है।
हाइकोर्ट ने सरकार से कहा- 90 दिन में करे समाधान
कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गई जानकारी के बाद जनवरी 2021 में अनुसूचित जाति प्रमाण उच्च स्तरीय जांच कमेटी में विधायक देवेन्द्र वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन एक साल होने के बाद भी जब उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने जबलपुर हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने सरकार से कहा कि 90 दिन के अंदर इस समस्या का समाधान करे। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन व आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास विभाग को आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के आरोप गंभीर हैं और 90 दिन के अंदर सरकार उनकी समस्या का समाधान करे।
कांग्रेस नेता ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय का आरोप है कि विधायक देवेंद्र वर्मा ने फर्जी तरीके से जाट (सामान्य) से सिलावट (SC) जाति का सर्टिफिकेट बनवाया है और इसी दस्तावेज को पेश कर निर्वाचन में शामिल हुए और विधायक बने। कुंदन मालवीय की ओर से जो शिकायत की गई है उसमें बताया गया है कि भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा के पिता किशोरीलाल वर्मा पंधाना से विधायक होकर शिक्षामंत्री रहे हैं। इसके पहले वह शासकीय सेवक (शिक्षक) थे। उन्होंने सर्विस बुक में जाट जाति का उल्लेख किया है। राजनीति में आने के बाद संतानों के दस्तावेज सिलावट जाति के बनवाए। इसी तरह उनके पूवर्जों की संपत्ति (जमीन-जायदाद) में भी ‘जाट’ होने का जिक्र है। बता दें कि देवेन्द्र वर्मा खंडवा से चौथी बार के विधायक हैं और साल 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंदन मालवीय को चुनाव में हराया था।
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Published on:
29 Jan 2022 05:26 pm
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