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ऐसा क्या हुआ, नेता प्रतिपक्ष ने अपने ही पुतले को लगा दी फांसी, जानें मामला

कांग्रेस पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय में जड़ा ताला, जिम्मेदारों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप।

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ऐसा क्या हुआ, नेता प्रतिपक्ष ने अपने ही पुतले को लगा दी फांसी, जानें मामला

मध्य प्रदेश के खंडवा नगर निगम कार्यालय में सोमवार को जमकर हंगामा हो गया। कार्यालय में आए कांग्रेस पार्षदों ने न सिर्फ जमकर नारेबाजी की, बल्कि विरोध स्वरूप कार्यालय का गेट पर ताला जड़ दिया। विरोध कर रहे पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम द्वारा शहर के वार्डों में विकास कार्य नहीं कराए जा रहे हैं। वहीं उन्होंने मामले में नियम विरुद्ध टेंडर दिए जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम नियम के खिलाफ टेंडर पास कर भ्रष्टाचार कर रहा है।

नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने महापौर और कमिश्नर पर भेदभाव का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि नगर निगम में साधारण सम्मेलन नहीं बुलाया जा रहा। यही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर साधारण सम्मेलन नहीं बुलाया गया तो वो आत्महत्या कर लेंगे। यही नहीं इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने नगर निगम कार्यालय के मुख्य गेट पर रस्सी लटकाई और सांकेतिक फांसी के तौर पर खुद के पुतले को ही फांसी लगा दी।

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बता दें कि नगर निगम परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे पार्षदों ने पहले तो यहां धरना दिया, फिर नारेबाजी करते हुए निगम अध्यक्ष को घेर लिया। यही नहीं, नगर निगम कमिश्नर के आफिस का गेट बंद करते हुए यहां भी जमकर नारेबाजी की। कमिश्नर से पर्याप्त बात न होने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौर ने निगम के मेन गेट पर खुद का पुतला टांगा और उसे सांकेतिक फांसी लगा दी। विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्षदों ने अध्यक्ष को घेरा और शहर में विकास कार्य नहीं होने के आरोप लगाए।

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इस दौरान दीपक राठौड़ ने नगर निगम के जरिए कोई भी विकास कार्य न किए जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर बीजेपी के नेताओं के बेटे को टेंडर दिए जा रहे हैं। शहर में निर्माण कार्य ठप पड़े हैं। जो हो रहे है वो भी घटिया स्तर के हो रहे हैं। उन्होंने मांग कि मामले की जांच कराई जाए और जिन लोगों ने भी नगर निगम में भ्रष्टाचार किए हैं उनके खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाए।

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वहीं, दूसरी तरफ मामले को लेकर निगम अध्यक्ष अनिल विश्वकर्मा का कहना है कि विपक्ष के लोग हमारे पास कुछ समस्या लाए थे, उनकी समस्या को निगम कमिश्नर के पास भेज दिया है। विपक्ष के नेताओं की माग थी कि निगम की साधारण सभा कराई जाए। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही नगर निगम की साधारण सभा कराई जाएगी और इन लोगों को भी सूचना दी जाएगी। गाड़ी देने का विरोध कर रहे हैं तो नियम के अनुसार जिन लोगों को भी गाड़ी देना चाहिए उन्हीं लोगों को गाड़ी दी गई है। वहीं गलत तरीके से टेंडर देने के आरोप पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब आयुक्त ही दे सकते हैं।