
महिला सशक्तिकरण कार्यालय खंडवा
महिला सशक्तिकरण कार्यालय में आईसीपीसी ( इंट्रीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम ) के भवन में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ( सीडब्ल्यूसी ) के सदस्यों और अध्यक्ष के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। तभी तो एक दिन पहले अध्यक्ष ने अपना कार्यालय दूसरे कक्ष में बना लिया।
मामला तब सामने आया। जब अध्यक्ष ने लेखा एवं स्थापना शाखा के कक्ष में कुर्सी-टेबल लगाकर बोर्ड लगा दिए। इससे यहां पर महिला सशक्तीकरण के कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ गई है। यहां तीन कमरे हैं। दो कमरे महिला सशक्तिकरण के कर्मचारियों को और तीसरा सीडब्ल्यूसी को अलाट है। सदस्यों के बीच किसी बात को लेकर खींचतान चल रही है। लंबे समय से सभी सदस्य एक साथ बैठते थे।
अध्यक्ष ने कर्मचारियों के कक्ष में कार्यालय शिट कर दिया। इसको लेकर कार्यालय का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। मामला प्रकाश में आने पर अब दबाने के लिए काउंसलिंग का बहाना बना रहे हैं। मामले में सीडब्यूसी के सदस्यों और अध्यक्ष का तर्क है कि खींचतान जैसी कोई बात नहीं है। काउंसलिंग में दिक्कत होती है। इस लिए शिट किया गया है।
डीपीओ के कर्मचारियों को बैठने की व्यवस्था चौपट हो गई है। यहां केंद्र व राज्य शासन की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित हो रही हैं। लेखा एवं स्थापना कार्यालय के संतोष उपाध्याय के कक्ष में सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कार्यालय बना लिया है। इसी कक्ष में महिला कर्मचारी शीतल जोशी लाडली लक्ष्मी व लाडली बहना योजना की शाखा को संचालित करती है। बैठना तो दूर कंप्यूटर व दस्तावेज रखने की जगह नहीं है। दूसरे तीसरे कक्ष में संविदा कर्मचारी टीकाराम, पुष्पेंद्र मंडलोई समेत 3 कर्मचारी बैठते हैं।
चाइल्ड केयर कमेटी ( सीडब्ल्यूसी ) कार्यालय में अध्यक्ष के पद पर प्रवीण शर्मा नियुक्त हैं। बतौर सदस्य के रूप में स्वप्लिन जैन, कविता पटेल, रूचि पाटिल, मोहन मालवीय हैं। मालवीय कभी-कभी आते हैं।
सदस्यों को प्रत्येक बैठक में उपस्थित होने पर दो-दो हजार रुपए शासन की ओर से मानदेय मिलता है। हर माह बीस बैठकों के हिसाब से प्रत्येक सदस्यों को चालीस-चालीस हजार रुपए मिलता है। इसके अलावा कार्यालयीन सुविधाएं दी गई हैं।
प्रवीण शर्मा, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी...कार्यालय में काउंसलिंग के दौरान दो से तीन घंटे बाहर रहना पड़ता है। डीपीओ से नए भवन की मांग की है। पुराने तहसील भवन की मांग कलेक्टर से की गई। उन्होंने मना कर दिया। नया भवन मिलते ही कर्मचारियों का कक्ष खाली हो जाएगा।
रूचि पाटिल, सदस्य, सीडब्ल्यूसी...असुविधा होने पर अध्यक्ष दूसरे कक्ष में शिफ्ट हुए हैं। अभी तक अध्यक्ष की कुर्सी व आलमारियों के बीच बैठना मुश्किल होता था। काउंसलिंग में दिक्कत होती थी। खींचतान जैसी कोई बात नहीं है।
Published on:
12 Nov 2025 11:41 am
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