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खंडवा से छोटे जिले बन गए संभाग, यहां अब भी अधूरी आस

-नेताओं की इच्छा शक्ति में कमी के कारण नहीं बढ़ रही आगे बात-तीन विद्युत परियोजनाओं सहित कई कार्यालय खंडवा में ही स्थित-सांसद ने कहा खंडवा संभाग बनाने के लिए पात्र, हम रखेंगे बात

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खंडवा

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Manish Arora

Feb 09, 2022

खंडवा से छोटे जिले बन गए संभाग, यहां अब भी अधूरी आस

तीन विद्युत परियोजनाओं सहित कई कार्यालय खंडवा में ही स्थित

खंडवा. भौगोलिक और प्रशासनिक स्तर पर खरा उतरने के बाद भी अब तक खंडवा को संभाग मुख्यालय नहीं बनाया गया है। जबकि खंडवा से छोटे जिले संभाग का दर्जा प्राप्त कर चुके है। नेताओं की इच्छाशक्ति की कमी के चलते इस ओर कभी प्रयास ही नहीं किए गए। यहां प्रदेश की तीन बड़ी विद्युत परियोजनाओं सहित देश का द्वादश ज्योतिर्लिंग भी खंडवा जिले में स्थित है। अब खंडवा को संभाग बनाने की मांग उठने लगी है। खंडवा संसदीय क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी खंडवा को संभाग बनाने के लिए पहल करने की बात कही है।
वर्तमान में खंडवा सहित खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी जिले इंदौर संभाग में आते है। संभाग स्तरीय कार्य के लिए इंदौर ही जाना पड़ता है। खंडवा जिला संभाग बनने के लिए हर तरह से पात्रता रखता है, लेकिन इस ओर किसी ने कोई प्रयास ही नहीं किया। कुछ वर्षों पूर्व खंडवा को संभाग बनाने की मांग जरूर उठी थी, लेकिन नेताओं, जनप्रतिनिधियों ने कोई रूचि नहीं दिखाई। जिसके बाद ये मांग ठंडे बस्ते में चली गई। अब खंडवा को संभाग बनाए जाने की मांग एक बार फिर उठने लगी है। इसके लिए सामाजिक संस्था खंडवा की आवाज ने मांग उठाई है। खंडवा की आवाज संस्था खंडवा को संभाग बनाने के लिए पत्रिका के साथ चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी भी कर रही है।
छोटे जिलों को मिल चुका संभाग का दर्जा
खंडवा से छोटे जिलों को भी संभाग का दर्जा मिल चुका है। इसमें नर्मदापुरम संभाग में तीन जिले नर्मदापुरम (होशंगाबाद), बैतुल और हरदा शामिल है। इसके साथ ही शहडोल संभाग में शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले आते है। चंबल संभाग में भी तीन जिले मुरैना, श्योपुर, भिंड आते है। खंडवा के पास संभाग के लिए चार जिले है, जिसमें खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी शामिल है।
इसलिए भी खंडवा रखता पात्रता
खंडवा जिले में प्रदेश की सबसे ज्यादा विद्युत उत्पादन की तीन परियोजनाएं, जिसमें इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध और सिंगाजी ताप परियोजना चल रही है। यहां ओंकारेश्वर में सोलर फ्लोटिंग प्लांट भी प्रस्तावित है। यहां लगभग सभी विभागों के मुख्यालय भी स्थित हैं। केवल डीआईजी कार्यालय खरगोन में बनाया गया है शेष विभागों के लिए लोगों को खंडवा ही आना पड़ता है। खंडवा में वन, पोस्टल, बैंकिंग के वृत्त कार्यालय हैं। इन कार्यालयों ने निमाड़ के सभी जिलों का सीधा संपर्क रहता है।
इंदौर कमिश्नरी का भी होगा भार कम
वर्तमान में इंदौर संभाग अंतर्गत आठ जिले आते है। जिसमें इंदौर, खंडवा, बुरहानुपर, बड़वानी, धार, खरगोन, अलीराजपुर, झाबुआ शामिल है। इंदौर अपने आप में ही बहुत बड़ा जिला है। खंडवा को संभाग बनाए जाने पर इंदौर कमिश्नरी का भी भार कम होगा और खंडवा को संभाग मुख्यालय बनाए जाने के बाद सभी जिलों को इसका फायदा होगा।
इंदौर से इन जिलों की दूरी
खंडवा- 130 किमी
खरगोन- 130 किमी
बुरहानपुर- 180 किमी
बड़वानी- 150 किमी
खंडवा से इन जिलों की दूरी
खंडवा- 0
खरगोन- 90 किमी
बड़वानी- 180 किमी
बुरहानपुर- 65 किमी
मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे प्रस्ताव
खंडवा संभाग बनाने के लिए हम प्रयास करेंगे, खंडवा इसके लिए पात्रता रखता है। एक दो दिन में हम भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से बात करके इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। खंडवा यदि संभाग बनता है तो चारों जिलों को उसका फायदा मिलेगा।
ज्ञानेश्वर पाटिल, सांसद