
शर्मनाक! मदद करने के बजाए लोग चारों तरफ से बनाते रहे वीडियो, तड़पते-तड़पते हो गई युवक की मौत
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मानवीय संवेदनाओं को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। शहर में सड़क दुर्घटना के शिकार हुए युवक को लोग उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के बजाए काफी देर तक उसके वीडियो बनाते रहे। इस दौरान हादसे का शिकार युवक का काफी खून बहता रहा और वो अपनी तकलीफ में तड़पता रहा, लेकिन तमाशबीन लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। हालांकि, कुछ देर बाद मौके पर आए कुछ लोगों ने घायल शख्स को अस्पताल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
यहां इससे ज्यादा भी ताज्जुब की बात ये रही कि हादसे के करीब 15 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने और युवक की मौत हो जाने के बाद संबंधित पुलिस या सिस्टम ने उसके घर वालों को सूचित करना ठीक नहीं समझा। जबकि, हादसे में जान गवाने वाले युवक की जेब में उसका आधार कार्ड समेत पहचान से संबंधी अन्य दस्तावेज रखे थे। इस घटना के सामने आने के बाद सिस्टम पर सवाल उठने लगे हैं।
इलाजे के दौरान युवक ने दम तोड़ा
आपको बता दें कि शहर के माखनलाल चतुर्वेदी बस स्टैंड के पास 10 जनवरी यानी कल शाम करीब 4 बजे एक हादसा हुआ था। हादसे में डंपर ने बाइक सवार युवक को टक्कर मार दी, जिसके बाद हादसे में घायल बाइक सवार काफी देर तक सड़क पर पड़ा तड़पता रहा। इस घटना के कुछ वीडियोज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें हादसे का शिकार युवक के आसपास लगी लोगों की भीड़ उसकी मदद करने के बजाए अपने अपने मोबाइल से उसके वीडियो बनाते नजर आ रहे हैं। इसी बीच घटना स्थल से कुछ दूरी पर हड़ताल पर बैठे ड्राइवर संगठन की बैठक चल रही थी। काफी देर एक स्थान पर भीड़ इकट्ठी देखने के बाद संगठन के कुछ लोग मौके पर पहुंचे। इस
दौरान काफी देर पहले ही डायल 100 और एंबुलेंस को सूचित किया जा चुका था, बावजूद इसके उनके न पहुंचने पर वो लोग ऑटो से घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। लोगों का कहना है कि युवक को अस्पताल पहुंचाने के काफी देर बाद घटा स्थल पर डायल 100 और एंबुलेंस पहुंचीं थी।
सिस्टम पर उठे सवाल
गौरतलब है कि हादसे का शिकार होकर जान गवाने वाले युवक की पहचान हिमांशु जैन के रूप में हुई है। वो खंडवा के ही रामनगर इलाके में रहता था। उसके पिता हेमंत जैन सहकारी समिति गुड़ी के प्रबंधक हैं। परिजन का कहना है कि बुधवार शाम 4 बजे उनके बेटे के साथ हादसा हुआ था, जिसके बाद उन्हें गुरुवार की सुबह 9 बजे पुलिस द्वारा खबर दी गई। तबतक हिमांशु की मौत हो चुकी थी। परिजन ने इस पूरे मामले में सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते उसे उपचार के लिए ले जाया जाता या उन्हें सूचना दे दी जाती तो उनके बेटे की जान बच सकती थी। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि किसी हादसे को देखने पर उसकी तस्वीरें लेने के बजाय मानवीय संवेदना दिखाते हुए हादसे का शिकार घायल को उपचार के लिए पहुंचाने की फिक्र करें। आपके इस प्रयास से किसी की जान बच सकती है।
Published on:
11 Jan 2024 05:30 pm
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