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खंडवा

बर्थ-डे पर मासूम को उतारा मौत के घाट..अब पछता रहा ‘मासूम ने मेरा क्या बिगाड़ा था’

20 अक्टूबर को बर्थ-डे के दिन तीन साल के मासूम की हत्या का मामला..रिश्ते का चाचा ही निकला कातिल…

खंडवाOct 29, 2021 / 05:38 pm

Shailendra Sharma

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खंडवा. खंडवा के मूंदी नगर में 20 अक्टूबर को हुई तीन साल के बच्चे की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हत्या का आरोपी मासूम अक्षांश का दूर का चाचा ही निकला है। जिसने जादू टोने के शक में मासूम को मौत के घाट उतार दिया था। बता दें कि 20 अक्टूबर को मासूम अक्षांश का बर्थ-डे था और उसी दिन आरोपी ने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी। अक्षांश की लाश घर से कुछ मकान दूर एक खंडहरनुमा मकान में बोरी में बंद मिली थी।

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खाद की बोरी से मिला कातिल का सुराग
सनसनीखेज वारदात के सामने आने के बाद ही पुलिस बारीकी से हत्यारे की तलाश में जुटी हुई थी। जिस बोरी में मासूम अक्षांश की हत्या कर शव को भरकर फेंका गया था वही बोरी कातिल तक पहुंचने में अहम सुराग बनी और पुलिस कातिल श्रीराम तक पहुंच गई। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि वारदात के बाद करीब 60 लोगों से पूछताछ की गई इस दौरान अधिकतर लोगों ने ये बात बताई थी कि मोहल्ले में रहने वाला श्रीराम कई बार बिना नाम लिए गाली गलौच करता था और बुरा करने वाले परिवार को उजाड़ देने की धमकी देता था। इस आधार पर पुलिस का शक श्रीराम पर गहराया। साथ ही ये जानकारी भी पुलिस को मिली कि हम्माली करने वाला श्रीराम खाद की खाली बोरियां घर लाता है। पुलिस ने आरोपी के घर की तलाशी ली तो उसी ब्रांड की बोरियां मिलीं जैसी बोरी में अक्षांश की लाश मिली थी। पुलिस ने आरोपी श्रीराम को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया।

 

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जादू टोने के शक में की हत्या
पुलिस की पूछताछ में आरोपी श्रीराम ने बताया है कि उसे शक था कि अक्षांश के दादा सुमेर सिंह ने उस पर जादू टोना किया है और इसी कारण उसके परिवार में झगड़ा होने लगा है। वो पिछले कई दिनों से सुमेर सिंह के वंश को मिटाना चाहता था। 20 अक्टूबर को जब श्रीराम घर पर अकेला था तो अक्षांश नजर आया जिसे उसने इशारे से घर में बुलाया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। अक्षांश को मारने के बाद उसे अपने किए पर पछतावा हुआ लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उसने गुनाह को छिपाने के लिए मासूम की लाश को एक बोरी में बांधकर घर के पीछे रख दिया। इसके बाद आरोपी मोहल्ले वालों के साथ मिलकर बच्चे को ढूंढने का नाटक करता रहा और अंधेरा होने पर बोरी में भरी लाश को ले जाकर खंडहर में फेंक दिया था। जेल की सलाखों के पीछे आने के बाद अब आरोपी श्रीराम को अपने किए पर पछतावा हो रहा है और वो कह रहा है कि मासूम ने उसका क्या बिगाड़ा था उसने अपने ही कुल के बच्चे को मार डाला।

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