
खंडवा. पुष्य नक्षत्र पर बाजार में आएगी रौनक।
खंडवा.
दीपावली के पूर्व आने वाले पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी से पूर्ण लाभ मिलता है। शुभ कार्यों के कारक पुष्य नक्षत्र के देवता देवगुरु बृहस्पति हैं। इनके बिना कोई भी शुभ कार्य संभव नहीं होता है। मां शीतला संस्कृत पाठशाला के आचार्य अंकित मार्कण्डेय ने बताया कि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव है, इस नक्षत्र में किए गए शुभ कार्य और खरीदारी लंबे समय तक स्थिर रहती है। दीपावली से पहले पुष्य नक्षत्र का आगमन बेहद शुभ है।
पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर को सुबह 5.13 से अगले दिन 19 की सुबह 8.02 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र का नाम वार से युति होने से अलग अलग होता हैं। मंगल पुष्य, गुरु पुष्य, रवि पुष्य, शनि पुष्य, बुध पुष्य जैसे योग बनते हैं, इस दौरान खरीदारी करना विशेष लाभदायक होता है।
मार्कण्डेय ने बताया कि 18 अक्टूबर मंगलवार को पुष्य नक्षत्र है, इसलिए इसे मंगल पुष्य कहा जा रहा है। इस दिन वर्धमान योग रहेगा, इस शुभ योग में निवेश करने से धन की वृद्धि होती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में भवन, वाहन, भूमि, आभूषण इलेट्रानिक आइटम, बही खाते, कलम, दवात और अन्य चीजों की खरीदारी करना सबसे अच्छा होता है। शुभ योग में खरीदी गई वस्तुएं लंबे समय तक चलती हैं और शुभ फल देती हैं। इसके अलावा पुष्य नक्षत्र में पूजा सामग्री, चांदी या आभूषण, बर्तन, भगवान के शुभ चिह्न आदि खरीदने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
ये करें पुष्य नक्षत्र के दिन
पुरुषुक्त श्रीसूक्त, कनकधारा स्त्रोत का पुष्य नक्षत्र में पाठ करने से जीवन की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही वैदिक ब्राह्मण को आमंत्रित कर उनसे पूजन अभिषेक, हवन करवाने से घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है, सुख-सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। पुष्य नक्षत्र में शिव परिवार, लक्ष्मी नारायण की विधि-विधान से पूजा करने पर वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है।
खरीदारी के शुभ मुहूर्त
सुबह 09.18 से 10.45 चर
सुबह 10.45 से दोपहर 12.12 लाभ
दोपहर 12.12 से 01.39 अमृत
शाम 07.32 से रात 09.05 लाभ
रात 10.39 से रात 12.12 शुभ
अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11.49 से दोहपर 12.35
गोधूली बेला
05.47 से 06.11
Published on:
17 Oct 2022 12:31 pm
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