
Omkareshwar Jyotirlinga: मध्य प्रदेश की शान, तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ औ मैनेजमेंट को लेकर रोजाना विवाद की स्थिति बन रही है। शनिवार को मंदिर में दो बड़े विवाद सामने आए। पहला विवाद भोग आरती के दौरान गर्भगृह में डिप्टी कलेक्टर और ट्रस्टी के बीच हुआ, जबकि दूसरा विवाद मंदिर परिसर में तहसीलदार और एक पुजारी के बीच हुआ, जिसके द तहसीलदार ने पंडित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई, पंडित ने जनप्रतिनिधियों और पुजारी मंडल को शिकायत की।
पंडित अंशुमन ने इस मामले की शिकायत मांधाता विधायक नारायण पटेल, जिपं अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े, पूर्व विधायक देवेंद्र वर्मा और षड् दर्शन मंडल अध्यक्ष मंगलदास महाराज से की। जिपं अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े ने बताया कि ट्रस्ट की बैठकों की बराबर सूचना हमें नहीं मिलती और ट्रस्ट में काफी गड़बड़ चल रहा है। कलेक्टर से बात कर इन सब की जांच करवाएंगे।
भोग आरती दोपहर 12:20 से 105 बजे तक होती है, तब मंदिर के पट बंद रहते हैं। ट्रस्टी राव जंगबहादुर ने आरोप लगाया कि डिप्टी कलेक्टर मुकेश काशिव ने गर्भगृह में पहुंचकर जल्दी आरती करने को कहा और उनकी मौजूदगी पर सवाल उठाया। वहीं, डिप्टी कलेक्टर का कहना है कि वे व्यवस्था सुधारने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ट्रस्टी ने सहयोग के बजाय बहस शुरू कर दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ, केवल प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है।
इसी दौरान मंदिर परिसर में तहसीलदार राजन सस्तिया मैनेजमेंट देख रहे थे। उन्होंने पंडित अंशुमन पाराशर को रास्ते में खड़े होने से रोका, जिसके बाद दोनों में बहस हो गई। पंडित का आरोप है कि तहसीलदार ने उन्हें थप्पड़ मारे। दूसरी ओर, तहसीलदार ने दावा किया कि पंडित ने शासकीय कार्य में बाधा डाली और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। तहसीलदार ने मांधाता थाने में पुजारी के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया।
इस मामले में मांधाता के निरीक्षक टीआइ अनोख सिंह सिधिया ने बताया कि तहसीलदार की शिकायत पर पं. अंशुमन पर शासकीय कार्य में बाधा और एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में दूसरे पक्ष की कोई शिकायत नहीं मिली। मामले में जांच की जा रही है।
Updated on:
13 Apr 2025 11:19 am
Published on:
13 Apr 2025 11:04 am
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