
Traffic police created challan against husband of councilor
खंडवा. नगर निगम के सामने नाला गैंग कर्मचारियों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। हालांकि शुरूआती डेढ़ घंटे तक उन्हें परेशान होना पड़ा।
धरना स्थल के टेंट के नीचे वार्ड-22 की पार्षद प्रियंका दीवान के पति अभिलाष दीवान ने यहां टेंट के नीचे कार की पार्र्किंग कर दी थी। सुबह 11 बजे से धरना शुरू होना था लेकिन दोपहर 12.30 बजे तक ये कार यहीं थी। सफाईकर्मियों ने इसकी शिकायत डायल-100, यातायात कर्मियों और शहर कोतवाली से लेकर पुलिस अधीक्षक तक कर दी। इसके बाद यहां पहुंचे टै्रफिककर्मी बीआर अटकड़े ने कार मालिक पार्षद पति दीवान को यहां बुलवाया। पहले तो गाड़ी हटवाई गई और फिर रॉन्ग पार्किंग के लिए ५०० रुपए का चालान बनाया गया।
दूसरे दिन धरने पर ये बैठे
भारतीय वाल्मिकी कल्याण सभा की स्थानीय इकाई के बैनर तले नाला गैंग कर्मचारी गुरुवार को दूसरे दिन धरने पर बैठे। इनमें नटवर बिहारी, कमल वामन, मनोज रूपसिंग, विजय छोटेलाल और राकेश समरू शामिल रहे।
अद्र्धनग्न किया था प्रदर्शन, आयुक्त को घेरा भी था
नगर निगम के सफाईकर्मियों ने परिसर में अद्र्धनग्न होकर मंगलवार को प्रदर्शन किया था। सात मांगों के निराकरण के लिए इन्होंने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए मांगों का निराकरण नहीं होने की स्थिति में 13 मई तक निगम के बाहर धरना प्रदर्शन, 14 मई से क्रमिक भूख हड़ताल और १६ मई से आमरण अनशन की चेतावनी दी है। इसी दिन मप्र वाल्मिकी कल्याण सभा की स्थानीय इकाई के नेतृत्व में ये बाइक रैली से कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां जनसुनवाई से बाहर निकल रहे आयुक्त जेजे जोशी की गाड़ी रोककर उनसे सवाल पूछे। विनियमितीकरण सहित सात सूत्रीय मांगों पर जवाब मांगा। संघ के इंदल पहलवान, छोटेलाल भगत, जमनाबाई गौहर, करण बिवाल, मुकेश बारसे व अन्य ने बताया कि नाला गैंग सफाई कामगार सतत २० वर्षों से कार्यरत है। पूर्व में भी निगमायुक्त को नाला गैंग कर्मचारियों द्वारा विनियमितीकरण के संबंध में आवेदन दिए गए लेकिन निगमायुक्त ने इन्हें अनदेखा किया। 2017 में विनियमितीकरण की लिस्ट में ५ बार नाला गैंग कामगारों का नाम सूची में प्रकाशित किया गया। लेकिन सभी सफाई कामगारों के विनियमितीकरण में नाला गेंग कर्मचारियों को छोड़ दिया गया। संघ द्वारा 20 मार्च को सात सूत्रीय मांग पत्र अपर आयुक्त अंजु शर्मा नगरीय प्रशासन भोपाल को ज्ञापन दिया गया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ये है सात सूत्रीय मांगें
- 23 दिसंबर 2017 को निगम ने 207 दैवेभो कर्मचारियों को विनियमितीकरण के आदेश दिए पर अब तक लाभ नहीं मिला, मार्च पेड अप्रैल के वेतन में विनियमितीकरण का लाभ लगाकर व चार माह का एरियर्स का भुगतान आने वाले वेतन में दिया जाए।
- शहर की आबादी को देखते हुए 150 नए कामगार सफाई कार्य में लगाने की स्वीकृति प्रदान की जाए।
- नाला गैंग के कर्मचारियों के नाम भी विनियमितीकरण की सूची में शामिल किए जाएं।
- स्थायी सफाई कामगारों को क्रमोन्नति का लाभ व समय वेतनमान से 35 साल पुराने कर्मचारियों को क्रमोन्नति व समय वेतनमान तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं।
- सफाई कामगारों की कॉलोनियों के मकानों की स्थिति जर्जर हो रही है, मालिकाना हक दिए जाएं।- निगम में सात वर्षों से ठेका पद्धति पर कार्य पर रखे गए सफाई कर्मचारियों को ठेका पद्धति समाप्त कर मस्टर पर व कलेक्टर रेट का भुगतान किया जाए।
- सातवें वेतनमान का लाभ तत्काल प्रभाव से दिया जाए।
महापौर से मिले तो स्थापना शाखा लिपिक को बुलाया
सफाई कर्मचारियों ने महापौर सुभाष कोठारी से भी मुलाकात की। उनसे कहा कि 24 में से 9 कर्मचारियों को विनियमितीकरण का लाभ दिया गया तो शेष क्यों छोड़े गए? इस पर महापौर ने तत्काल स्थापना शाखा लिपिक गणेश यादव को बुलाया और पूछा। यादव ने कहा कि वो इनकी तारीख से पहले वरिष्ठ स्तर पर भेजे गए थे। महापौर ने कहा कि अगर 9 लोगों का हो सकता है तो फिर शेष का क्यों नहीं? इस प्रकरण की पूरी जानकारी मुझे दो, मैं दिखवाता हूं।
Published on:
11 May 2018 12:39 pm
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