
CG News: इंद्रावती नदी में देऊरगांव और मटनार में प्रस्तावित दो बैराजों के निर्माण की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। करीब 165 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले सर्वेक्षण भी किया गया था। लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शासन स्तर पर योजना का क्रियान्वयन लंबित है। वर्तमान सरकार में शासन स्तर पर लटकी फाइल है।
पिछले सरकार में बैराज निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी थी, लेकिन बजट आबंटन नहीं होने की फाइल अटका पड़ा है। अब इस योजना के ठंडे बस्ते में जाने से बस्तर की जनता और किसान असंतुष्ट हैं। वे चाहते हैं कि भाजपा सरकार इस योजना को जल्द शुरू करे ताकि जल संकट दूर हो सके, सिंचाई सुविधाओं में विस्तार हो, कृषि उत्पादन बढ़े और पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। 2019 को जगदलपुर से चित्रकोट तक इंद्रावती नदी में बैराज निर्माण के लिए सर्वेक्षण किया था।
CG News: मटनार बैराज चित्रकोट जलप्रपात से छह किलोमीटर नीचे प्रस्तावित है, जिसकी ऊंचाई 32 मीटर और लंबाई 600 मीटर होगी। इसके निर्माण से 700 हेक्टेयर खरीफ और 500 हेक्टेयर रबी फसलों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जलप्रपात के नीचे 12 माह पानी भरा रहेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वोटिंग की जा सकेंगी। देउरगांव बैराज के निर्माण से इसका पानी कुम्हरावंड एनीकट तक पूरे साल भरा रहेगा।
लाभ विस्तार- जल उपलब्धता एनीकट और जलप्रपात में सालभर पानी
सिंचाई सुविधा- करीब 2200 हेक्टेयर क्षेत्र को मिलेगा लाभ
पर्यटन विकास- चित्रकोट जलप्रपात में वोटिंग सुविधा
पेयजल आपूर्ति- 80 से अधिक गांवों को पानी
बीएस भंडारी, संयुक्त संचालक, जल संसाधन विभाग: इंद्रावती नदी में सर्वेक्षण उपरांत मटनार और देऊरगांव में दो बैराज निर्माण करने चयन किया गया था। फिलहाल यह परियोजना शासन स्तर लिंबित है।
Published on:
21 Mar 2025 01:40 pm
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