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सुनहरा अवसर! ऑयल पाम की खेती से किसानों को मिलेगा 25 से 30 साल तक मुनाफा

CG News: भारत में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात किया जाता है, जिसमें अकेले पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग 55-60 प्रतिशत है।

खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता देश (Photo source- Patrika)
खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता देश (Photo source- Patrika)

CG News: नारायणपुर जिले में ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्राम भाटपाल में एक बृहद पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत प्रगतिशील किसान संतेर पोटाई के खेत में की गई, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, ग्रामीण विकास समिति अध्यक्ष प्रेमनाथ उसेण्डी और ग्राम पंचायत भाटपाल के सरपंच भुरवा सलाम उपस्थित रहे।

CG News: ऑयल पाम की खेती से जुड़ी विस्तृत जानकारी

इस मौके पर ग्रामीणों की भारी उपस्थिति देखी गई। सहायक संचालक उद्यान तोषण कुमार चन्द्राकर, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी जितेश कुमार देहारी और क्षेत्र विस्तार अधिकारी बेनूर अमलू राम नाग ने ग्रामीणों को ऑयल पाम की खेती से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह पहल 'नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल- पाम' के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार सिद्ध होगी, बल्कि देश को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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लंबे समय तक कम लागत में अधिक मुनाफा

ऑयल पाम एक ऐसी फसल है जो प्रति हेक्टेयर पारंपरिक फसलों की तुलना में 4 से 6 गुना अधिक तेल उत्पादन देती है। इसकी विशेषता यह है कि एक बार पौधरोपण करने के बाद चौथे वर्ष से उत्पादन शुरू होकर लगातार 25-30 वर्षों तक चलता है। प्रति हेक्टेयर 143 पौधे त्रिकोणीय विधि से लगाए जाते हैं, जिससे चौथे वर्ष में 4-6 टन और सातवें वर्ष के बाद 20-25 टन तक उत्पादन होने लगता है।

छत्तीसगढ़ के सिंचित क्षेत्रों के लिए वरदान

CG News: कम लागत, कम मेहनत, सुनिश्चित विपणन और स्थायी आय के कारण यह फसल छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक लाभकारी और बुद्धिमत्तापूर्ण कृषि निवेश के रूप में उभर रही है। जिले में इस वर्ष 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में ऑयल पाम पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भारत में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात किया जाता है, जिसमें अकेले पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग 55-60 प्रतिशत है। इस चुनौती को देखते हुए ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देना रणनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत आवश्यक हो गया है।

वर्तमान बाजार दर (18,351 प्रति टन) के अनुसार किसान प्रति हेक्टेयर क्त्रस्3 से क्त्रस्4 लाख तक की सालाना आय प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, पौधों के बीच खाली स्थान में अंतरवर्ती फसलों की खेती कर अतिरिक्त आय भी प्राप्त की जा सकती है।