
CG News: नगर पंचायत केशकाल में विभिन्न कार्यों के टेंडर में आपसी साठगांठ को पत्रिका ने अपने पिछले अंक में आपसी साठगांठ से भरा टेंडर ,पर वर्क आर्डर जारी नहीं शीर्षक से समाचार का प्रकाशन प्रमुखता से किया था। पत्रिका के खबर ने एक बार फिर से अपना असर दिखाया है। पर विडम्बना की बात है शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के खबर पर प्रशासन और नगरीय प्रशासन ने गंभीरता से गौर करते कुछ ही किया पर संबधितों में हड़कंप मच गया और मामले को दफन करने का हर संभव प्रयास प्रारंभ शुरु कर दिया गया है। ज्ञात हो कि, समाचार प्रकाशित होते ही संबधित मामले का पटापेक्ष करने में कुछ लोग भीड़ गये हैं।
सोमवार को नगर पंचायत केशकाल में परिषद के सदस्य पार्षदों को एवं शिकायतकर्ता पार्षदों को बुलवाकर बंद कमरे में बैठकर बगैर सीएमओ के बैठक हुई और बैठक में शिकायत वापस लेने की समझाइश दिया गया। सूत्रों की माने तो लम्बी बैठक के बाद मात्र दो पार्षद अनिल उसेंडी एवं राजा बांदे सुलह समझौता करते शिकायत वापस लेने को राजी नहीं हुए पर शेष शिकायतकर्ता पार्षद मान गये और शिकायत से हट जाने की बात स्वीकार कर लिया। इस कड़ी में यह बता देना लाजिमी होगा कि, निविदा क्र. 2119, 17-10-2024 के माध्यम से नगर पंचायत केशकाल में अधोसंरचना मद से काम कराने के लिए टेंडर निकाला गया था।
जानकारों एवं शिकायतकर्ताओं का कहना है कि, निकाले गये टेंण्डर पर ठेकेदारों से आपस मे सांठगांठ करके शासन को चूना लगाते हुए टेंडर फार्म देने के पूर्व कमीशन बतौर धनराशि लिया गया और ठेकेदारों को शासन बिलो की बजाय एबब दर पर टेंडर फार्म भरने की छूट दे दिया गया था। फलस्वरूप सभी ठेकेदारों ने बिलो की बजाय एबब दर पर टेंडर भर कर प्रेषित किया।
टेंडर फार्म एक ही दिन दिया गया और सभी ठेकेदारों का टेंडर एक ही दिन पोस्ट आफिस के माध्यम से पंहुचा जो हुए गड़बड़झाला को प्रमाणित करता है। शिकायत पत्र में पार्षदों ने यह तथ्यात्मक सवाल खड़ा किया था कि, जब लोहा सिमेंट का दर बहुत अधिक था तब ठेकेदारों द्वारा बिलो में टेंडर भरकर काम कराया था क्योंकि उस समय खुली प्रतिस्पर्द्धा हुआ था पर आज जब निर्माण सामग्री का मूल्य 20% कम हो गया है तब आपसी सांठगांठ के चलते ठेकेदारों ने 9-10% अधिक दर पर टेंडर भरा।
CG News: दर स्वीकृत करने वाले अधिकारी ने ही पिछली बार भी भरे गये दर को स्वीकृत किया था अगर वो शासन हित का ध्यान रखते तो प्रथम निविदा ही अधिक दर पर आने से शासन को होने वाले क्षति को देखते आपत्ति लगाते दर स्वीकृत नहीं करते। परन्तु उन्होंने भी शासन हित को दरकिनार रखते दर स्वीकृत कर दिया। नगरीय चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ होने के ऐन वक्त पर उठ रहे इस गंभीर आरोप को देखते हुए जिला प्रशासन एवं नगरीय प्रशासन को अविलम्ब कार्य आदेश जारी करने पर रोक लगाते पूरे मामले की जांच कराना चाहिए पर अभी तक जिला प्रशासन एवं नगरीय प्रशासन इस मसले के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
Updated on:
18 Dec 2024 01:54 pm
Published on:
18 Dec 2024 01:53 pm
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