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गजब छत्तीसगढ़: अदालत में पेश होते हैं देवी देवता, भक्तों की शिकायत पर मिलती है कड़ी सजा

locationकोंडागांवPublished: Aug 29, 2019 05:54:52 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

Chhattisgarh Tribal Amazing Tradition: छत्तीसगढ़ के केशकाल इलाके में देवी-देवताओ के साल भर के कार्यों का मूल्यांकन होता है और उसी के आधार पर उन्हें सजा या सम्मानित किया जाता है

गजब छत्तीसगढ़: अदालत में पेश होते हैं देवी देवता, भक्तों की शिकायत पर मिलती है कड़ी सजा

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केशकाल. Chhattisgarh Tribal Amazing Tradition: केशकाल तेलीन सती मांई मंदिर के समीप व टाटामारी पर्यटन मार्ग में स्थित भंगाराम देवी दरबार पर क्षेत्र के देवी देवता का मेला लगेगा । आदिम संस्कृति में कई व्यवस्थायें ऐसी है जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। जिन देवी देवताओं की पूरी आस्था के साथ पूजा अर्चना की जाती है। उन्हीं देवी देवताओं को भक्तों की शिकायत के आधार पर सजा भी मिलती है।

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यहां पर देवी देवताओं से वर्ष भर में किये गये कार्यों का हिसाब-किताब होता है।देवी देवताओं को उनके ठीक कार्य नहीं करने पर सजा सुनाई जाती है । जिस तरह से आमतौर पर शासकिय सेवक को निलंम्बन-बर्खास्तगी और गंभीर अक्षम्य अपराध पर सजाये मौत की सजा सुनाई जाता है। उसी तरह यहां देवी देवताओं के भी दोष सिद्ध होने पर अपराध अनुकूल सजा का सामना करना पडता है । जो देवी-देवता अच्छा काम करते हैं उन्हें सम्मानित किया जाता है।

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यहां प्रतिवर्ष भादो माह के कृष्णपक्ष के शनिवार के दिन भादो जात्रा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी 31 अगस्त को यह जात्रा लगेगा । बारह मोड़ के सर्पीलाकार कहे जाने वाली घाटी के ऊपर देवी देवताओं का मेला लगेगा ।

जात्रा के पहले छः शनिवार को सेवा (विशेष पूजा) की जाती है और सातवें अंतिम शनिवार को जातरा का आयोजन होता है। इस अंतिम शनिवार को जात्रा के दिवस क्षेत्र के नौ परगना के देवी देवता के अलावा पुजारी, सिरहा, गुनिया, मांझी, गायता मुख्या भी बड़ी संख्या में शामिल होते है ।

यह मेला शनिवार के दिन ही लगता है, क्षेत्र के विभिन्न देवी देवताओं का भंगाराम मांई के दरबार में अपनी हाजरी देना अनिवार्य होता है । जात्रा के दिन भंगाराम मांई के दरबार पर महिलाओं का आना प्रतिबंधित होता है । सभी देवी देवताओं को फुल,पान,सुपारी,मुर्गा,बकरा,बकरी देकर प्रसन्न किया जाता है।

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वहीं भंगाराम मांई के मान्यता मिले बिना किसी भी नये देव की पूजा का प्रावधान नहीं है । वहीं पर महाराष्ट्र के डॉक्टर पठान देवता भी है जिन्हें डॉक्टर खान देवता कहा जाता है, उन्हे भी प्रसन्न करने के लिए अण्डे दिये जाते है । देवी देवताओं के मेला में क्षेत्र व दूरदराज के लोग भी काफी संख्या में उपस्थित होते है ।

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