
कोंडागांव के किसान की कमाई जान प्रधान आयकर महानिदेशक रह गए हैरान, पहुंच गए देखने खेत,कोंडागांव के किसान की कमाई जान प्रधान आयकर महानिदेशक रह गए हैरान, पहुंच गए देखने खेत,कोंडागांव के किसान की कमाई जान प्रधान आयकर महानिदेशक रह गए हैरान, पहुंच गए देखने खेत,कोंडागांव के किसान की कमाई जान प्रधान आयकर महानिदेशक रह गए हैरान, पहुंच गए देखने खेत,कोंडागांव के किसान की कमाई जान प्रधान आयकर महानिदेशक रह गए हैरान, पहुंच गए देखने खेत,कोंडागांव के किसान की कमाई जान प्रधान आयकर महानिदेशक रह गए हैरान, पहुंच गए देखने खेत
संदीप उपाध्याय@रायपुर. बस्तर संभाग अंतर्गत कोंडागांव जिले के प्रगतिशील किसान डॉ. राजाराम तिवारी अपनी कृषि आय को लेकर देश विदेश में चर्चित हैं। राजाराम की वार्षिक आय देखकर खुद देश के प्रधान आयकर महानिर्देशक केसी घुमरिया उनके खेत तक पहुंच गए।
उन्होंने राजाराम से कहा कि इतनी अधिक कृषि आय कैसे लेते हैं। राजाराम उन्हें अपने काली मिर्च के खेत में लेकर गए और उन्हें खद पैदावार का आंकलन करने के लिए कहा। घुमरिया ने एक एकड़ में लगभग 80 लाख रुपए की पैदावार का न सिर्फ आंकलन किया बल्कि हंसते हुए यह तक कह गए कि रिटायरमेंट के बाद वह भी खेती करने कोंडागांव आएंगे।
किसान राजाराम तिवारी ने बताया कि वह हर साल 40 लाख रुपए की कृषि आय दर्शाते हैं। इतनी बड़ी कर रहित कृषि आय को देख आयकर अधिकारी भी अचंभित रह गए। इस पर भारत के प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रशासनिक एवं करदाता सेवाएं) केसी घुमरिया छत्तीसगढ़ दौरे के दौरन राजाराम के पास कोंडागांव पहुंचे।
शनिवार को उन्होंने राजाराम के खेतों का मुआयना किया। इसमें कालीमिर्च की पैदावार देखकर वह अचंभित रह गए। राजाराम का कहना है कि इस पद्धति से खेती करने पर देश में 3 लाख 16 हजार करोड़ के रासायनिक खाद की खपत पर भी कमी लाई जा सकती है।
इस तरह लेते हैं इतनी पैदावार
किसान राजाराम ने बताया कि उन्होंने आस्ट्रेलियन टीक नाम का कालीमिर्च का पौधा तैयार किया है। इस पौधे की खासियत यह है कि यह 300 गुना तक प्राक्रतिक नाइट्रोजन को अवशोषित करता है। इसकी बदौलत जहां सामान्य कालीमिर्च के एक पौधे की पैदावार 5-10 किलोग्राम है वहीं आस्ट्रेलियन टीक 35-40 किलोग्राम तक उत्पादन देता है।
केरल से दो दल आकर कर चुके हैं निरीक्षण
केरल राज्य मसालों की खेती के लिए प्रसिद्ध है। वहां के किसान एक एकड़ खेत में कालीमिर्च की फसल से अधिक से अधिक 5-6 लाख रुपए तक का उत्पादन ले पाते हैं। राजाराम के द्वारा 80 लाख रुपए के उत्पादन का दावा करने के बाद वहां से दो किसानों का दल भी दौरा करके जा चुका है।
राजाराम तिवारी जैविक खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। मैं जनजातियों के विकास के लिए काम करने का इच्छुक हूं। मैंने उनसे कहा कि कि वह क्षेत्र के आदिवासियों को इससे जोड़कर इसकी ट्रेनिंग दें। रिटायरमेंट के बाद मैं भी उनके साथ जुड़कर इस खेती को करूंगा और आदिवासियों को ट्रेंड करने का काम करूंगा।
- केसी घुमरिया, प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रशासनिक एवं करदाता सेवाएं) भारत सरकार
Updated on:
26 Aug 2019 12:00 pm
Published on:
26 Aug 2019 08:20 am
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