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कोंडागांव

प्यार की डगर पर चलने के लिए जंगल में छोड़ आए बंदूक, अब पुलिस कराएगी विवाह

दोनो ने मंगलवार को कोंडागांव एसपी सिद्धार्थ तिवारी के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प व्यक्त किया। नागेश व उर्मिला भी मुख्यधारा से जुड़कर बेहद खुश नजर आए। दोनों ने कहा कि माओवाद से किसी का भला नहीं हो सकता है। सामाजिक बदलाव प्यार से ही आ सकता है।

कोंडागांवNov 10, 2020 / 11:31 pm

Karunakant Chaubey

प्यार की डगर पर चलने के लिए जंगल में छोड़ आए बंदूक, अब पुलिस कराएगी विवाह

प्यार की डगर पर चलने के लिए जंगल में छोड़ आए बंदूक, अब पुलिस कराएगी विवाह

कोंडागांव. कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। प्रेमी-प्रेमिका अपने प्यार को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने का माद्दा रखते हैं इनके लिए प्यार ही सब कुछ होता है। इसकी बानगी माओवादी संगठन में सक्रिय एक युवा जोड़े में देखने को मिली। सामाजिक बदलाव का सपना लिए जंगल जंगल भटकने वाले 8-8 लाख के इनामी माओवादी नागेश और उर्मिला का प्यार जब परवान चढ़ा तो दोनों ने माओवाद से तौबा कर अपनी बंदूक छोड़कर लोकतंत्र की रह पकड़ ली।

दोनो ने मंगलवार को कोंडागांव एसपी सिद्धार्थ तिवारी के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प व्यक्त किया। नागेश व उर्मिला भी मुख्यधारा से जुड़कर बेहद खुश नजर आए। दोनों ने कहा कि माओवाद से किसी का भला नहीं हो सकता है। सामाजिक बदलाव प्यार से ही आ सकता है।

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लम्बा विचार करने के बाद माओवाद से नाता तोड़ने का लिया फैसला

यह कहानी माओचादियों की मिलिट्री कंपनी नंबर 6 के प्लाटून डिप्टी कमांडर नागेश व सेक्शन सदस्य उर्मिला की है। दोनों ने पहले तो माओवाद का दामन थामा था। ये दोनों नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव व कांकेर के सरहदी क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में घटित हुए माओवादी घटनाओं में सक्रिय रहे थे। शासन ने इन पर 16 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। लंबे समय से साथ काम करते हुए इन दोनों के बीच प्रेम पनप गया।

इधर माओवादी संगठन को इसकी जानकारी मिलते ही इन पर दबाव बढ़ने लगा कि वे अलग अलग जीवन बिताएं। दोनों को ही अपनी जान गंवाने का डर सताने लगा। आखिरकार दोनों ने एक साथ माओवाद से नाता तोडऩे में ही भलाई समझी। लंबे समय तक सोच विचार करने व मौका पाकर मंगलवार को उन्होंने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया।

एसपी ने दी 10-10 हजार की प्रोत्साहन राशि

एसपी सिद्धार्थ तिवारी के सामने इन्होंने अपने हथियार डाल दिए। एसपी तिवारी ने उनके इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए। आत्मसमर्पण नीति के तहत इन्हें दस-दस हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। अब पुलिस ने इनके विवाह करवाने पूरी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया है।

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