
आफत में सांसे... करोड़ों की मशीनें भी नहीं रोक पाई प्रदुषण
कोरबा। CG Pollution Report : आंकड़ों की बाजीगरी कर भले प्रदूषण की स्थिति को विभाग नियंत्रण में होने का दावा कर रहा है, लेकिन स्थिति एकदम उलट है। एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन क्लीनिक (एआरआई) में हर दिन औसतन 40 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। कोयला खदान, कोल और राखड़ परिवहन से लगे क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। अब तक सिर्फ खदानों या संयंत्रों के भीतर काम करने वाले कर्मी ही प्रदूषण की चपेट में आते थे, लेकिन बीते कुछ वर्षों से कोल और राखड़ परिवहन की सड़कों पर रहने वाले लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
पर्यावरण...
क्लीनिक में इन क्षेत्रों के मरीज सबसे अधिक आ रहे हैं। क्षेत्रीय पर्यावरण विभाग का दावा है कि प्रदूषण की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, लेकिन जब भी मानक से अधिक प्रदूषण होता है तो नोटिस देकर खानापूर्ति कर ली जाती है।
करोड़ों की मशीनें सिर्फ दिखावे के लिए
सड़कों पर कोल डस्ट और राखड़ कम करने के लिए कोरबा निगम व तीन उद्योगों ने करोड़ों की स्वीपिंग मशीनें खरीदी हैं। लेकिन ये मशीनें खुद धूल खा रही हैं क्योंकि इन्हें खराब सड़कों पर नहीं चलाया जा सकता।
मशीनें ऐसी जगहों पर लगी जहां प्रदूषण ही नहीं
थर्मल संयंत्रों ने प्रदूषण के मानक पर निगरानी रखने के लिए सीजीओसीएमएमएस पोर्टल शुरू किया है। इससे सभी उद्योगों द्वारा लगाए गए ऑनलाइन निगरानी सिस्टम पर नजर रखी जाती है। कोरबा के कई संयंत्रों और खदानों के बाहर कॉलोनी में ये मशीनें लगाई गई है। कहीं भी बायपास सड़कों पर या कोल साइडिंग व ऐश डेम में मशीनें नहीं लगाई गई है।
Published on:
02 Dec 2023 10:32 am
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
