
Chhattisgarh News: स्वरोजगार से जुड़ने युवा उत्साह दिखा रहे हैं। काम शुरू करने के लिए युवाओं को रुपए की जरूरत है। इसके लिए युवा व्यापार एवं उद्योग केंद्र और बैंक पहुंच रहे हैं। विभाग के कर्मचारी आवेदनों में कमियां बताकर आवेदनों को अपात्र कर रहे हैं। पात्र युवाआें के आवेदनाें को बैंक के अफसर क्रेडिट स्कोर का हवाला देकर विलंब कर रहे हैं। इसे लेकर स्वरोजगार से जड़ने वाले युवा परेशान हो रहे हैं।
केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से अधिक से अधिक युवा वर्ग को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण योजना संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन विभागीय प्रक्रिया के फेर में युवा एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कोरबा में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमएमवायएस) अंतर्गत वर्तमान वित्तीय सत्र में आवेदन मंगाए गए थे। स्वरोजगार शुरू करने युवाआें ने भारी उत्साह दिखाया। दोनों योजना अंतर्गत लोन के लिए सैंकड़ों युवाओं ने आवेदन किया था। इसमें से विभाग द्वारा 272 आवेदनों को पात्र कर बैंक भेजा गया।
बैंक द्वारा पहले तो युवाओं को विभिन्न दस्तावेजों के लिए घुमाया जा रहा है। साथ ही पात्र हितग्राही का क्रेडिट स्कोर सहित अन्य दस्तावेजों में कमी का हवाला देकर कई आवेदनों को रोक दिया गया है। बैंक नेे पीएमईजीपी के तहत 36 आवेदनों को स्वीकृति दी लेकिन 14 युवाओं को ही राशि का वितरण किया गया। यही स्थिति एमएमवायएस योजना की है। इस योजना अंतर्गत बैंक ने 21 युवाओं को लोन के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इनमें से 17 युवाओं को लोन मिल सका है। शेष आवेदक लोन के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। इसके बाद भी समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
फैक्ट फाइल
विवरण - एमएमवायएसवाय - पीएमईजीपी
भौतिक लक्ष्य - 30 - 32
बैंक प्रेषित प्रकरण - 100 - 172
स्वीकृत प्रकरण - 21 - 36
वितरण - 17 - 14
62 युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने लोन देने का लक्ष्य
युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कोरबा को 62 लोगों को योजना अंतर्गत लोन वितरण का लक्ष्य दिया गया है। विभाग ने पात्र आवेदनों को संबंधित बैंक को प्रेषित कर दिया है, लेकिन बैंक प्रबंधन ने इनमें से अभी तक 57 आवेदनों को ही स्वीकृति दी गई। इसमें भी सिर्फ 31 पात्र लोगों को लोन वितरित करने का दावा किया जा रहा है, जबकि 26 पात्र आवेदक अब भी लोन का इंतजार कर रहे हैं। लोन नहीं मिलने की वजह से लोग अपना खुद का रोजगार शुरू नहीं कर पा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक सबसे अधिक परेशान
बताया जा रहा है कि बैंक प्रबंधन हितग्राही की तरफ से लोन वितरण के पहले चुकता करने का माध्यम देखती है। इसके बाद ही लोन वितरण किया जाता है। इसके अलावा बैंक प्रबंधन ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को लोन वितरण करने में कम रूचि दिखाती है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को लोन के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र के युवाओं को भी लोन के लिए भटकना पड़ रहा है।
पीएमईजीपी व एमएमवायएस योजना अंतर्गत विभाग प्राप्त प्रकरणों को बैंक के पास प्रेषित करता है। बैंक द्वारा आवेदनों की जांच कर पात्र हितग्राहियों को लोन उपलब्ध कराने का दायित्व होता है। - टीआर कश्यप, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, कोरबा
Published on:
22 Feb 2024 03:07 pm
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