कोरबा का जंगल वन्य जीवों से भरा पड़ा है। यहां के जंगल में हाथी, भालू, लकड़बग्घा, चीतल, तेंदुआ, किंग कोबरा आदि पाए जाते हैं। कभी-कभी दुर्लभ प्रजाति के जीव भी जंगल में पाए गए हैं। इसी कड़ी में एक नया नाम एशियान पाम सिवेट का जुड़ गया है।
कटघोरा के वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि हरदीबाजार क्षेत्रांतर्गत ग्राम मुढ़ाली में रहने वाले एक ग्रामीण के धान की कोठी में बिल्ली जैसा जीव दिखाई दिया। इसके रंग-रूप को देखकर ग्रामीण को आश्चर्य हुआ। घर के मालिक केशव जायसवाल ने इसकी सूचना वन विभाग को दिया। कटघोरा के वनमंडलाधिकारी को अवगत कराया गया।
इसकी तस्वीर वन विभाग ने घटना स्थल से मंगाया। जीव को देखकर विभाग ने इसकी पहचान तो कर लिया लेकिन इसकी पुष्टि और सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए कटघोरा से नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी की टीम को बुलाया गया। टीम को वन विभाग के साथ हरदीबाजार के मुढ़ाली के लिए रवाना किया गया।
सोसायटी के अध्यक्ष एम सूरज के नेतृत्व में जितेंद्र सारथी, मयंक बागची सहित अन्य सदस्यों ने जीव को धान की कोठी से सुरक्षित पकड़ लिया। जिसमें एक मादा एशियन पाम सिवेट के अलावा उसके पांच बच्चे शामिल थे। सभी को सुरक्षित तरीके से पकड़कर दोबारा जंगल के भीतर सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ दिया गया ताकि वे जंगल के भीतर प्राकृतिक रहवास क्षेत्र में रह सके।
भारत सहित अन्य पड़ोसी देशों में मिलने की पुष्टि
वन विभाग की ओर से बताया गया है कि इस एशियन पाम सिवेट की प्रजातियां भारत के अलावा पड़ोसी देश नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में भी पाई जाती है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में इस जीव के मिलने से वन विभाग में खुशी की लहर है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया है कि एशियन पाम सिवेट सूर्यास्त के बाद भोजन की तलाश में निकलते हैं। यह जीव सर्वाहारी है लेकिन इससे इंसानों को कोई खतरा नहीं होता। यदि इंसान इस प्रजाति के जीवों को उकसाता है तो वे हमलावर हो जाते हैं। कटघोरा के मुढ़ाली में सिवेट के मिलने की सूचना पर आसपास के लोग बड़ी संया में पहुंच गए। रेस्क्यू टीम द्वारा पकड़े जाने पर सिवेट को देखने लोगों की भीड़ लग गई थी।