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लाइव टेलीकास्ट की योजना पूरी तरह से फेल, कहा गया था कि देख सकेंगे आम लोग, मतदान शुरू हुआ तो अधिकारी भी नहीं देख पा रहे

मतदान प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए मतदान के पूरे दिन जिले के चारों विधानसभाओं में चिन्हांकित मतदान केन्द्रों का वेब चैनल के माध्यम से लाईव टेलीकास्ट की थी योजना

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कोरबा

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Shiv Singh

Nov 20, 2018

लाइव टेलीकास्ट की योजना पूरी तरह से फेल, कहा गया था कि देख सकेंगे आम लोग, मतदान शुरू हुआ तो अधिकारी भी नहीं देख पा रहे

लाइव टेलीकास्ट की योजना पूरी तरह से फेल, कहा गया कि देख सकेंगे आम लोग, मतदान शुरू हुआ तो अधिकारी भी नहीं देख पा रहे

कोरबा. जिले में कुल ४७३ संवेदनशील मतदान केन्द्रों में से १०७ मतदान केन्द्रों के लाइव प्रसारण की योजना पूरी तरह से फेल हो गई है। प्रशासन ने लाइव प्रसारण करने का ढिंढोरा पहले ही पीट दिया लेकिन अंतिम समय में पता चला कि लॉग इन पासवर्ड के जरिए केवल अधिकारी ही इसे देख सकते हैं। मतदान शुरू होने के बाद तकनीकी खामियों की वजह अब अधिकारी भी लाइव प्रसारण नहीं देख पा रहे हैं।

पूर्व में बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कलेक्टर ने बताया कि था कि जिले के १०७ मतदान केन्द्रों का लाइव प्रसारण किया जाएगा। यह प्रसारण किसी वेब चैनल पर दिखाया जाएगा। चैनल कौन सा होगा इसकी जानकारी जल्द ही दी जाएगी। सर्वाधिक लाईव टेलीकास्ट वाले मतदान केन्द्र पाली-तानखार में हैं। जिनकी संख्या ३० है। जबकि कोरबा कटघोरा व रामपुर में इनकी संख्या क्रमश: २४, २५ व २८ है।

मतदान प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए मतदान के पूरे दिन जिले के चारों विधानसभाओं में चिन्हांकित मतदान केन्द्रों का वेब चैनल के माध्यम से लाईव टेलीकास्ट की योजना थी। जोकि तकनीकी खामियों के कारण असफल हो चुकी है।

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केवल अफसर ही देख सकेंगे
वोटिंग के एक दिन पहले तक जिले के अफसरों ने १०७ में से ९७ केन्द्रों में लाइव प्रसारण की टेस्टिंग कर पूरी तैयारी कर ली थी, जिसे देखने के लिए लॉग इन करने के बाद अफसर भी इसकी लिंक खोज रहे हैं, तब वीडियो की बफरिंग हो रही है। नेटवर्क ठीक नहीं होने की वजह से अधिकारी भी लाइव प्रसारण नहीं देख पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में दो हजार से भी ज्यादा मतदान केन्द्रों का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। जिसके कारण आयोग की वेबसाईट पर ट्रैफिक अधिक है।

-तकनीकी खामियों के कारण मतदान केन्द्रों का लाइव प्रसारण नहीं हो पाया है। इसके लिए हमने काफी मेहनत की थी, लेकिन व्यवस्था नहीं बन पाई। केवल आयोग के अफसर ही यह प्रसारण देख सकेंगे -हेमंत जायसवाल, डीआईसी, एनआईसी