
राखड़ बांध टूटा (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Korba News: छुरी के डिंडोलभांठा छिरहुट में स्थित छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) के एचटीपीपी राखड़ डेम फूटने के कारण राखड़ युक्त पानी आसपास के खेतों और छिरहुट गांव के हिस्से में फैल गया, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन इसे लेकर ग्रामीणों में बिजली कंपनी प्रबंधन के खिलाफ गुस्सा है।
वहीं स्थिति को देखते हुए और बारिश के कारण प्रभावित क्षेत्र में डोडकधरी बस्ती में रहने वाले 9 परिवारों को गांव के ही पंचायत भवन में अस्थायी तौर पर शिफ्ट किया गया है। घटना के बाद गुरुवार को कटघोरा एसडीएम मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
बिजली कंपनी के अधिकारियों से जानकारी लेते हुए उन्होंने डेम के रखरखाव, सुरक्षा के साथ ही नुकसान के आंकलन को लेकर निर्देश भी दिए हैं। छुरी क्षेत्र में बीते दो दिनों से रुक- रुक कर हो रही बारिश की वजह से जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई थी। इस बीच डेम में पानी का प्रेशर बढ़ने से राखड़ बांध के तटबंध का एक हिस्सा फूट गया और डेम का राखड़ युक्त पानी खेतों और गांव के किनारे तक पहुंच गया।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि राखड़ डेम के रखरखाव में प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरती गई, जिसके चलते यह घटना घटी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कंपनी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बारिश के मौसम को देखते हुए समय रहते इस तरह की घटनाओं से बचाव के उपाय किए जाने चाहिए थे लेकिन ऐसा नही किया गया। ग्रामीणों ने मांग की है कि भविष्य में फिर ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए डेम का रखरखाव के बेहतर इंतजाम किए जाएं।
कटघोरा एसडीएम रोहित सिंह ने बताया कि बारिश के चलते बिजली कंपनी के डेम में ओवरलो के बाद यह स्थिति बन गई थी। एहतियातन डेम के करीब गांव के 9 परिवारों को सुरक्षित रूप से गांव के पंचायत भवन में अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया गया है।
डिंडोलभांठा छिरहुट के ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में खेतों में बुवाई का समय है, लेकिन राखड़ पानी खेतों में भर जाने से अब खेती करना मुश्किल हो गया है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। लगभग 20 किसानों के खेत मे राखड़ पानी समा गया है जिसमे वो बुवाई कर चुके थे।
डिंडोलभांठा स्थित बिजली कंपनी के राखड़ बांध में हसदेव थर्मल पॉवर प्लांट (एचटीपीपी) से पाइपलाइन के जरिए राखड़ पहुंचता है। ग्रामीण पहले भी अक्सर राखड़ बांध के रखरखाव में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए बिजली कंपनी प्रबंधन पर सवाल उठाते रहे हैं।
Updated on:
28 Jun 2025 10:57 am
Published on:
28 Jun 2025 10:56 am
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