
आधुनिक ई-ट्रैक (photo source- Patrika)
Driving License: डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) जारी करने की प्रक्रिया हाइटेक होगी। कोरबा शहर से सटे गांव बुंदेली में करीब पांच एकड़ जमीन पर आने वाले दिनों में ड्राइविंग टेस्ट के लिए ई-ट्रैक बिछाया जाएगा। लाइसेंस जारी करने से पहले ड्राइविंग टेस्ट की इस प्रक्रिया में विभाग का हस्तक्षेप कम होगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू की है।
विभाग का कहना है कि वाहन चालकों की योग्यता और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट और लाइसेंसिंग प्रक्रिया का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसके लिए कोरबा में ई-टैक बिछाई जाएगी। इस आधुनिक ई-ट्रैकों के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी तरीके से लिए जाएंगे। इसके लिए कोरबा के ग्राम बुंदेली में जिला प्रशासन की ओर से पांच एकड़ जमीन का आवंटन परिवहन विभाग को किया गया है। इस जमीन का आधिपत्य परिवहन विभाग को मिल गया है।
सड़क दुर्घटना कोरबा की गंभीर समस्या है। जिले के अलग- अलग थाना क्षेत्र में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हर साल औसत 280 से अधिक लोग मारे जाते हैं। जबकि 700 से अधिक लोग घायल होते हैं। इसके पीछे बड़ा कारण रफ ड्राइविंग को माना जाता है। परिवहन विभाग को उम्मीद है कि ई- ट्रैक बनने के बाद टेस्टिंग की प्रक्रिया पादर्शिता से होगी। इससे नियम कायदों की अनदेखी कर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में बदलाव आएगी।
ई-ट्रैक की मदद से योग्य चालकों को प्रमाणित किया जाएगा, जिससे जिमेदार ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इन जिलों में ई-ट्रैक शुरू होने के बाद आवेदक ऑनलाइन आवेदन और अपॉइंटमेंट बुकिंग के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे। सफल परीक्षण के बाद उन्हें डिजिटल फीडबैक और लाइसेंस जारी किया जाएगा।
इसका उद्देश्य ड्राइविंग टेस्ट में मानव हस्तक्षेप कम हो, निष्पक्षता बनी रहे और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। ई-ट्रैक प्रणाली में वाहन नियंत्रण, लेन अनुशासन, सिग्नलिंग, गति नियंत्रण और सड़क सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसमें लगे डिजिटल सेंसर और कैमरे अभ्यर्थियों की ड्राइविंग क्षमता का सटीक मूल्यांकन करेंगे। इससे लाइसेंस प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी तथा पात्र आवेदकों को समय पर सही परिणाम प्राप्त होंगे।
Driving License: परिवहन विभाग में धीरे-धीरे आउट सोर्सिंग कंपनियों को बोलबाला बढ़ रहा है। पहले ही गाड़ियों की फिटनेस की जांच का दायित्व एक निजी कंपनी को सौंपा जा चुका है। यह कंपनी गोढ़ी में संचालित हो रही है। यही फिटनेस की जांच की जाती है। अब ई-ट्रैक में भी निजी कंपनी के आने की उम्मीद है।
Published on:
29 Oct 2025 01:46 pm
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