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त्रिपक्षीय वार्ता : पढि़ए खबर रेलवे अधिकारी किस तरह से जनता को कर रहे गुमराह

अवधेष त्रिवेदी ने कहा था कि चांपा से नैला के बीच हसदेव नदी पर बना पुल 100 साल पुराना है। यहां से गुजरने वाली तीन में से एक लाईन पूरी तरह से सस्पेंड है

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कोरबा

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Shiv Singh

Apr 26, 2018

त्रिपक्षीय वार्ता : पढि़ए खबर रेलवे अधिकारी किस तरह से जनता को कर रहे गुमराह

कोरबा . गुरुवार को त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान रेलवे का झूठ खुले तौर पर सबके आ गया है। रेलवे के अफसरों द्वारा किस तरह चालाकी से जनता को छला जाता है। इसका उदाहरण जिला प्रशासन द्वारा आयोजित त्रिपीक्षीय वार्ता में देखने को मिला है। जहां बिलासपुर रेल मंडल के डीआरएम आर राजगोपाल ने ही अपने अफसरों के झूठ पर मुहर लगा दी। त्रिपक्षीय वार्ता में डीआरएम ने कहा कि पुल से होकर गुजरने वाली तीन में से दो लाईन से एक्सप्रेस ट्रेनों को गुजारा जा रहा है। केवल पैसेंजर आदि ट्रेनों को रद्द किया गया है। जबकि तीसरी लाईन के विषय में उन्होंने कहा कि यह लाईन बेहद जर्जर है।

इससे ट्रेन की खाली बोगी या रैक का परिचालन किया जा रहा है। वह भी केवल २० किमी प्रतिघण्टा की स्पीड से। साथ आए रायपुर के परिचालन अधिकारी सचिन ने बताया कि पहले की तुलना में वर्तमान में ३९ रैक प्रतिदिन की औसत से कोयला लदान का काम चल रहा है। चूंकि कोयला आपूर्ति की मांग अभी काफी ज्यादा है।

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ये कहा था सांसद से मिलने पहुंचे अफसरों ने
त्रिपक्षीय वार्ता के पहले ट्रेनो को बंद किए जाने के मुद्दे पर बीते रविवार को अपर मंडल रेल प्रबंधक संदीप बंदोपाध्याय, वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी अवधेष त्रिवेदी और क्षेत्रिय रेल प्रबंधक कोरबा आदित्य गुप्ता सांसद डॉ बंशीलाल महतो से मिलने उनके कार्यालय पहुंच थेे। अवधेष त्रिवेदी ने कहा था कि चांपा से नैला के बीच हसदेव नदी पर बना पुल १०० साल पुराना है। यहां से गुजरने वाली तीन में से एक लाईन पूरी तरह से सस्पेंड है। इससे किसी भी तरह का कार्य नहीं लिया जा रहा है। जबकि अन्य दो चालू हैं। मालागाडिय़ो के अलावा एक्प्रेस ट्रेनों का पचिलन इसके जरिए कराया जा रहा है। इसलिए यह दोनो लाईन बेहद व्यस्त हैं। इसके बाद कोरबा एआरएम ने जानकारी दी थी कि पूर्व में कोयला से लदी ४० रैक यहां से भेजे जा रहे थे, वर्तमान में ३५-३६ भेजे जा रहे हैं। जबकि गुरूवार को त्रिपीक्षीय वार्ता में पहुंचे डीआरएम व परिचालन अधिकारी इससे अलग जानकारी दी। इस तरह आज रेलवे का झूठ सामने आ गया है।

अब ऐसे समझिए रेलवे की चालाकी
रेलवे ने कोरबा की तीन जोड़ी बंद ट्रेनो को शुरू तो नहीं किया लेकिन चालाकी जरूर कर दी है। रेलवे प्रबंधन तीन जोड़ी बंद ट्रेनों की भरपाई के जो व्यवस्था दी है उसके अनुसार दोपहर १:१० में रायपुर से पैसेंजर ट्रेन छुटेगी और ४:४० बजे बिलासपुर पहुंचेगी। इसके बाद इस ट्रेन को बिलासपुर में रोक दिया जाएगा। जिसके ५० मिनट बाद ६:३० बजे यह ट्रेन बिलासपुर से छूटकर करीब ८:३० बजे कोरबा पहुंचेगी। फिर इसी ट्रेन को वापस अगली सुबह ६:१५ बजे कोरबा-रायपुर पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर रायपुर रवाना किया जाएगा।

इस तरह जो ट्रेन पहले से ही सुबह ६:१० बजे चल रही थी। उसे रोक दिया गया है। जबकि इससे बेहतर यह होता कि जो ट्रेन रात के ८:३० बजे कोरबा पहुंच रही है, इसे बंद की गई ट्रेन क्रमांक ६८७३१ गेवरा रोड-बिलासपुर मेमु के स्थान पर रात के ९ बजे गेवरा रोड से बिलासपुर के मध्य शुरू किया जा सकता है। इससे रात को बंद की गई ट्रेन भी शुरू हो जाती। इस तरह जो ट्रेन सुबह चल रही है उसे स्टैण्ड करने की जरूरत नहीं पड़ती। यहां भी चालाकी यह है कि सुबह ६:१० बजे वाली ट्रेन के स्थान पर जिस ट्रेन को अब ६:१५ बजे रवाना किया जाएगा, उसका नंबर नहीं बदला गया है। वह पहले की ही तरह गाड़ी संख्या ६८७४५ ही है। इस तरह रेलवे ने एक और ट्रेन को बंद कर दिया है।