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राताखार में पीलिया का कहर, 74 में पाए गए लक्षण, 28 मरीज जिला अस्पताल दाखिल

- बीमारी का फैलाव न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग कर रहा डोर टू डोर सर्वे...

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कोरबा

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Shiv Singh

May 11, 2018

राताखार में पीलिया का कहर, 74 में पाए गए लक्षण, 28 जिला अस्पताल दाखिल

कोरबा . निगम के वार्ड नंबर दो राताखार कुछ इलाके में रहने वाले ७४ मरीजों में पीलिया के लक्ष्ण पाए गए हैं। २८ मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। बीमारी से पीडि़त मरीजों की इलाज के लिए जिला अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है। बीमारी का फैलाव न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग डोर टू डोर सर्व करा रहा है। वार्ड में हेल्थ कैंप लगाकर दवाइयां दी जा रही है।

निगम के वार्ड- ०२ राताखार के पंजाबी चाल, पटेलपारा, रामसागरपारा सहित आधा दर्जन क्षेत्रों में पीलिया फैली हुई है। इस महामारी को काबू में रखने के लिए जिला प्रशासन सर्तक हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने आठ और नौ मई को क्रमश: १०३ और ८६ लोगों की स्वास्थ्य जांच की। इसमें ७४ मरीजों में पीलिया के प्रारंभिक लक्ष्ण पाए गए हैं। २८ मरीजों में पीलिया की पुष्टि होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसके लिए अलग से आइसोलेटेड वार्ड बनाया गया है।

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स्वास्थ्य विभाग वार्ड में शिविर लगाकर दवाइयां बांट रहा है। घर घर सर्वे के लिए मितानित को लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है। टीम में निगम के अधिकारी भी शामिल हैं।

परिवारों को दी जा रही है समझाइश
पीलिया फैलने के बाद निगम भी रोकथाम को लेकर सतर्क हो गया है। शहर के सभी वार्डों में जागरूकता अभियान चलाया गया है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि पानी उबालकर पीये। इसके लिए नगर निगम आटो पर लाउड स्पीकर के जरिए प्रचार प्रसार में लगा हुआ है।

गन्ना रस की दुकानों से बर्फ फेका गया, फैक्ट्री भी पहुंची टीम
पीलिया को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन दो स्तर पर काम कर रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाई गई है। दूसरी ओर बर्फ को खान पान से दूर रखने की कोशिश कर रहा है। गुरुवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने शहर में गन्ना रस बेचने वालों की जांच की। १६ दुकानदार गन्ना रस के साथ बर्फ डालकर बेचते हुए पकड़े गए।

टीम ने बर्फ को फेंक दिया। ट्रांसपोर्ट नगर और निहारिका में बर्फ की सिल्ली बचने वालों पर भी कार्रवाई की। बर्फ की सिल्लियों को सड़क पर फेंक दिया। टीम ने शहर में स्थित तीन बर्फ फैक्ट्री की छानबीन की। फैक्ट्री मालिकों से कहा कि बर्फ गन्ना रस की बिक्री करने वालों को नहीं देवें। अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरआर देवांगन सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। देवांगन ने बताया कि शहर में निहारिका, कोसाबाड़ी, ट्रांसपोर्ट बस स्टैंड, पुराने बस स्टैंड और दर्री क्षेत्र में गन्ना दुकानों की जांच की है। टीम की कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रहने की संभावना है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि बर्फ फैक्ट्रियों में प्राय: गंदे पानी का उपयोग करके बर्फ का निर्माण किया जाता है। इसे खाने पीने की सामान में उपयोग करने से पीलिया सहित कई और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने लोगों का बर्फ का उपयोग खाने पीने की चीजों में नहीं करने की सलाह दी है।