
Mangala rice mill Chitmarpara Patna
बैकुंठपुर। Big paddy scam: कोरिया जिले के पटना ब्लॉक के चितमारपारा में ढाई-तीन साल से बंद राइस मिल में 3852.17 मेट्रिक टन यानी 11.94 करोड़ रुपए के धान की हेराफेरी (Big paddy scam) करने वाली संचालक कमला ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। मामले में अमानत राशि, बैंक गारंटी, पीडीसी, एफडीआर राशि को जब्त कर वसूली होगी। वहीं राइस मिल को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया गया है।
अपर कलेक्टर अरुण कुमार मरकाम के नेतृत्व में कमेटी गठित कर चितमारपारा पटना स्थित मेसर्स मंगल राइस मिल की जांच कराई गई थी। इस दौरान राइस मिल परिसर के प्रतिनिधि एवं मिल कर्मचारियों की उपस्थिति में धान, चावल भंडारण का भौतिक सत्यापन हुआ। मंगल राइस मिल में धान एवं चावल की मात्रा (स्टॉक) (Big paddy scam) नहीं पाया गया।
वहीं राइस मिल संचालक कमला ठाकुर ने भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में शासन की निर्धारित चावल की मात्रा जमा नहीं किया है। जांच में राइस मिल प्रतिनिधि एवं कर्मचारी ने इस संबंध में समाधान कारक जवाब एवं सुसंगत दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया।
मामले में मेसर्स मंगल राइस मिल (Big paddy scam) की संचालक कमला ठाकुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। संतोष जनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने के कारण संचालक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कराया जाएगा। डीएमओ बीएस टेकाम को मेसर्स मंगल राइस मिल संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने निर्देश दिए गए हैं।
अपर कलेक्टर एवं जिला खाद्य अधिकारी मरकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित नवा रायपुर निर्देश पर खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में भारतीय खाद्य निगम में औसत से कम चावल जमा करने वाले राइस मिलों का भौतिक सत्यापन करने गठित जिला स्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की गई है।
मेसर्स मंगल राइस मिल को पहले भी छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के उल्लंघन के कारण 2 वर्ष ब्लैक लिस्टेड किया गया था।
मंगल राइस मिल (Big paddy scam) ने समितियों से उठाए गए कुल धान की मात्रा 3 हजार 895 मेट्रिक टन धान के विरूद्ध एफसीआई एवं नान में जमा चावल की मात्रा 28.98 मेट्रिक टन है। बारदाना 725 नग, शेष धान की मात्रा 3852.17 मेट्रिक टन और जमा के लिए शेष चावल की मात्रा 2606.76 मेट्रिक टन है।
राइस मिल (Big paddy scam) संचालक कमला ठाकुर ने 3852.17 मेट्रिक टन धान यानी कुल 11 करोड़ 94 लाख रुपए का गड़बड़झाला किया है, जो छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चायल उपार्जन आदेश 2016 का स्पष्ट उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के कण्डिका 9 के तहत् दण्डनीय अपराध है।
कस्टम मिलिंग नीति 2023-24 के कंडिका 6.18 एवं किए गए अनुबंध पत्रों की शर्तों का भी उल्लंंघन है। मामले में मेसर्स मंगला राइस मिल संचालक को दोषी पाया गया है।
Published on:
01 Oct 2024 08:20 pm
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