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CG land scam: नहर की जमीन पर दिलाया कब्जा, तत्कालीन तहसीलदार, एसडीओ-सब इंजीनियर समेत 4 पर चलेगा मुकदमा

CG land scam: जल संसाधन विभाग के तीनों अधिकारी-कर्मचारी हो गए हैं सेवानिवृत्त, तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ विभागीय जांच को सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय रायपुर को भेजा अनुशंसा पत्र

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CG land scam

बैकुंठपुर. CG land scam: रेकॉर्ड में हेराफेरी कर नहर की सरकारी जमीन को नियम विरुद्ध नामांतरण (CG land scam) कर कब्जा कराने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार, जल संसाधन विभाग एसडीओ, सब इंजीनियर व अमीन पर मुकदमा चलेगा। हालांकि जल संसाधन के सारे अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए हैं। मामले में कार्यपालन अभियंता जल संसाधन को 15 दिन के भीतर अपराध पंजीबद्ध कराना होगा। वहीं तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह के खिलाफ सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय रायपुर को अनुशंसा पत्र भेजा गया है।


कोरिया जिले के ग्राम सागरपुर के ग्रामीणों ने न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बैकुंठपुर में आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें बताया कि ग्राम सागरपुर में भूमि खसरा नंबर 442/2 रकबा 0.097 हेक्टेयर, खसरा नंबर 442/3 रकबा 0.089 हेक्टेयर जल संसाधन विभाग के नाम पर वर्ष 1975 में दर्ज है।

उस भूमि को किशुन राम के नाम पर पटवारी अभिलेख में दुरुस्त कराया गया है। न्यायालय कलेक्टर ने प्रकरण की सुनवाई कर तहसीलदार बैकुंठपुर की ओर से 5 दिसंबर 2011 एवं 2 मार्च 2021को निरस्त कर दिया है।

मामले में जल संसाधन की सरकारी जमीन (CG land scam) को नियम विरुद्ध नामांतरण पाए जाने के कारण निरस्त कर खसरा 442/3 रकबा 0.089 हेक्टेयर से किशुनराम का नाम विलोपित और जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज करने आदेश दिए हैं।

वहीं खसरा नबर 442/2 रकबा 0.097 हेक्टेयर से किशुनराम, उदेराम, भैयालाल एवं बुधियारो का नाम विलोपित कर जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज करने आदेश दिए हैं। मामले में तहसीलदार बैकुंठपुर को 7 दिन के भीतर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देश दिए गए हैं।

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तत्कालीन तहसीलदार की सक्रिय संलिप्तता स्पष्ट है: न्यायालय

न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के आदेश में उल्लेख है कि शासकीय भूमि को निजी व्यक्ति के नाम पर चढ़ाने से पहले तत्कालीन तहसीलदार को अच्छे से अभिलेखों का परीक्षण करना चाहिए था, जो कि राजस्व अधिकारी का मूल कर्तव्य है। तत्कालीन तहसीलदार ने अभिलेखों का सही परीक्षण नहीं कर अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरती है एवं उनकी सक्रिय संलिप्तता स्पष्ट है।

मामले में शासकीय भूमि को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने एसडीओ जल संसाधन बैकुंठपुर, उप अभियंता, विभागीय पटवारी अमीन (सभी तत्कालीन अधिकारी) ने अभिलेखों का परीक्षण किए बिना 1 सितंबर 2020को प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इससे निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाना स्पष्ट होता है। मामले में दोषी अधिकारियों पर अपराध पंजीबद्ध कराने आदेश दिए गए हैं।

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इनके खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

-ऋचा सिंह, तत्कालीन तहसीलदार बैकुंठपुर, वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर
-आरसी जैन, तत्कालीन उप अभियंता जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर।
-आरसी सोनी, तत्कालीन एसडीओ जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर
-वैद्यनाथ शर्मा, तत्कालीन अमीन जल संसाधन विभाग बैकुंठपुर