
Son death in Mumbai
बैकुंठपुर. एक पिता की इससे बड़ी आर्थिक लाचारी और क्या हो सकती है कि बेटे की मौत (Death in Mumbai) के 9 दिन तक वह उसकी शक्ल भी न देख सके। मुंबई में कमाने गए बेटे की वहां संदेहास्पद स्थिति में मौत की खबर जब मिली तो वह अधिकारियों से बेटे का शव लाने की गुहार लगाता रहा लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनीं।
अंत में बैकुंठपुर विधायक की विशेष पहल व राज्य सरकार के सहयोग से गरीब-लाचार पिता 9 दिन बाद मुंबई पहुंचा। 10वें दिन मुंबई पुलिस (Mumbai police) की मौजूदगी में उसका पीएम कराया और वहीं अंतिम संस्कार (Funeral) कर दिया।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत डोहड़ा निवासी हीरा सिंह का छोटा बेटा जितेंद्र कुमार सिंह (30) (Death in Mumbai) अपने बड़े भाई की मदद से वर्ष 2011 में मुंबई कमाने खाने गया था। इस दौरान बड़े भाई जितेंद्र को किसी कारखाना में काम लगाकर लौट गया था।
इधर जितेंद्र इतने साल में एक बार भी घर नहीं आया और बीच-बीच में कभी कभार फोन कर जानकारी लेता था। मौत होने के करीब 3 दिन पहले मृतक जितेंद्र ने अपने मोबाइल से कॉल कर तबीयत खराब होने की जानकारी दी। उसने मुंबई आकर गांव ले जाने की बात कही थी।
मोबाइल में बातचीत होने के दो-तीन दिन बाद 17 जुलाई को मृतक के दोस्त के मोबाइल से मौत होने की सूचना मिली। लेकिन गरीबी के कारण पिता अपने नवजवान बेटे को अंतिम समय में देखने को तरस रहा था। मृत बेटे का शव लेने जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे।
इसके बाद वह सरपंच की मदद से बैकुंठपुर विधायक (Congress MLA) अंबिका सिंहदेव के पास गुहार लगाने पहुंचा। मामले को गंभीरता से लेकर विधायक ने तत्काल सीएम हाउस फोन कर चर्चा की और पीडि़त पिता को एक पुलिस आरक्षक, जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में एरोप्लेन से मुंबई रवाना किया गया।
इसके बाद पिता व जनप्रतिनिधि शुक्रवार देर शाम मुंबई (Mumbai) पहुंचे। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर ने शाम होने के कारण अगलेे दिन पीएम कराने के बाद शव सौंपने की बात कही थी। मामले में मुंबई पुलिस ने पिता की मौजूदगी में शनिवार को पीएम कराने के बाद शव को सौंप दिया है। इसके बाद पिता ने मुंबई में ही बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया।
जनसमस्या शिविर में शव लाने की लगाई थी गुहार पर किसी ने नहीं सुनीं
पीडि़त पिता ने अपने गांव के पास जनसमस्या निवारण शिविर में मृत बेटे के शव को मुंबई से लाने में मदद करने की गुहार लगाई थी। इस दौरान लाचार पिता की किसी अधिकारी ने बात नहीं सुनी और कहीं से कोई रास्ता नहीं दिखने के कारण मायूस होकर अपने गांव के सरपंच के पास पहुंचकर रोने लगा था।
इस पर सरपंच उसे क्षेत्रीय विधायक सिंहदेव के पास लेकर पहुंचा, इसके बाद मृत बेटे का शव देखने व उसका अंतिम संस्कार करने में मदद मिली।
कोरिया जिले की खबरें पढऩे के लिए क्लिक करें- koria News
Published on:
27 Jul 2019 05:38 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरीया
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
