
चलती ट्रेन में बच्चे का हुआ जन्म, नहीं मिली लेडी डॉक्टर तो महिला यात्रियों ने कराई डिलीवरी
बैकुंठपुर/जनकपुर. पांच हाथियों के दल ने बुधवार की रात तहसील-जनपद मुख्यालय जनकपुर में करीब ७ घंटे तक जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान उन्होंने फॉरेस्ट डिपो परिसर के समीप स्थित 4 सरकारी आवास को ढहा दिया। हाथियों द्वारा आवास को घेरे जाने से एक 2 महिलाएं व एक बालक करीब 4 घंटे तक फंसे रहे। सूचना पर पहुंचे फॉरेस्ट अमले ने ग्रामीणों की मदद से मशाल जलाई तथा टॉर्च की मदद से सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
कोरिया जिले के ग्राम पंचायत जनकपुर से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित फॉरेस्ट डिपो में रात करीब 8 बजे अचानक 5 हाथी घुस आए। हाथियों के पहुंचने की सूचना पर आनन-फानन में फॉरेस्ट अमले ने चोंगा से आस-पास के गांव में मुनादी कराई। हाथियों द्वारा सरकारी भवन को ढहाने के दौरान 2 महिलाएं व एक बालक वहीं फंसे रहे।
फॉरेस्ट अमले ने ग्रामीणों की मदद से मशाल जलाई और टॉर्च की रौशनी से हाथी दल को भगाकर महिला व बच्चे को सुरक्षित निकाला। इस दौरान करीब साढ़े पांच घंटे तक महिलाएं व बच्चे आवास में छिपे थे। आधी रात को करीब 1.30 बजे महिला व बच्चे को सुरक्षित निकाला गया। मामले में वन अमला क्षतिग्रस्त घरों के नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट बनाने में जुटा है।
डिपो से निकलकर बैगापारा में 5 घर तोड़े
हाथियों का पांच सदस्यीय दल फॉरेस्ट डिपो से करीब 1.30 बजे निकला और ग्राम पंचायत जनकपुर के बैगापारा में पांच घर को तोड़ डाला। फॉरेस्ट अमला ने आनन-फानन में सुरक्षा के लिहाज से मोहल्ले को खाली कराकर सामुदायिक भवन में शिफ्ट कर दिया।
इस दौरान डरे-सहमे ग्रामीणों ने जैसे-तैसे रात गुजारी और सुबह होने के बाद अपने घर पहुंचकर बिखरे सामान को समेटने में जुट गए। मशाल की रौशनी में खदेड़े जाने से करीब 3.30 बजे हाथी दल जंगल की ओर निकल गया। इसके बाद ग्रामीण व वन विभाग ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का दल पतवाही सहित आस-पास के जंगल में विचरण कर रहा है।
भरतपुर से भगवानपुर जंगल पहुंचा, फिर लौटा था जनकपुर
ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार की रात हाथियों के दल ने ग्राम पंचायत भरतपुर-पटपरिहाटोला में तीन घर को तोडऩे के बाद जंगल में लौट गया था। इस दौरान दिनभर भगवानपुर जंगल में वितरण कर बुधवार आधी रात को ग्राम पंचायत व ब्लॉक मुख्यालय जनकपुर के बैगापारा व फॉरेस्ट डिपो के सरकारी आवास को नुकसान पहुंचाया।
जनकपुर से भगवानपुर जंगल की दूरी करीब 15 किलोमीटर है। हाथियों के दल करीब 15 किलोमीटर सफर तय कर जनकपुर पहुंचा था और वर्तमान में पतवाही जंगल में डेरा डाल रखा है। हाथियों का दल भोजन, महुआ सहित अन्य खाद्य पदार्थ की तलाश में रात को दोबारा लौट सकता है।
Updated on:
03 Aug 2018 05:30 pm
Published on:
02 Aug 2018 06:32 pm
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