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पढऩे की उम्र में मासूम बेटा-बेटी मांग रहे भीख, पिता को है टीबी और मां मांजती है बर्तन

बीपीएल राशनकार्ड कटने से परेशानी बढ़ी, पीएम आवास का भी नहीं मिला लाभ, आरटीई से घुमंतु बच्चों को दाखिला कराने का दावा फेल

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चिरमिरी. नगर निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक-17 निवासी एक गरीब परिवार का राशन कार्ड कटने के कारण उनके 2 मासूम बच्चे भीख मांगने को विवश हैं। उनके पिता टीबी से पीडि़त हैं और मां दूसरे के घर में बर्तन मांजकर जैसे-तैसे जीवन-यापन करती है। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम से घूमंतु सहित हर बच्चे को स्कूल में दाखिला कराने का दावा फेल हो चुका है।


चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 17 में गोपाल बंसल अपनी झोपड़ीनुमा कच्चे का मकान बनाकर अपनी पत्नी ललिता बंसल व 2 बच्चे के साथ जीवन-यापन करता है। गोपाल काफी लंबे समय से टीबी बीमारी से ग्रसित है। इस कारण मजदूरी नहीं कर पाते हैं और उनकी पत्नी ललिता दूसरे के घर में बर्तन मांजकर जैसे-तैसे घर का खर्च चला रही है।

उसके पास इतने रुपए भी नहीं है कि वे अपने दोनों बेटों को स्कूल भेज पाए। ऐसे में दोनों बेटे भीख मांगने को मजबूर हैं। पीडि़त परिवार ने बताया कि शहर में हमारी तीन पीढ़ी जिंदगी गुजार चुकी है। पैसे के अभाव एवं बीमारी ने इस हाल में पंहुचा दिया है। पांच वर्ष पहले हमारा राशन कार्ड कट चुका है और राशन भी नहीं मिल रहा है।

बच्चों का कहना है कि अपने पिता के इलाज एवं पेट की भूख मिटाने के लिए यह रास्ता चुना है। हमारी बिटिया आज तक स्कूल नहीं गई है। घर में खाने के लिए नहीं है। स्कूल जा कर क्या करेगी। मां-बाप ने नाम रखा है, उसी नाम से सब लोग बुलाते हैं। वह अपना नाम भी नहीं लिख पाती हैं।


दफ्तरों के चक्कर लगाए, नहीं बना राशन कार्ड
परिवार का कहना है कि पहले बीपीएल राशनकार्ड बना था। करीब पांच साल पहले किसी कारणवश काट दिया गया है और वर्तमान में राशन नहीं मिलता है। मामले में सरकारी विभाग के चक्कर लगाए, लेकिन राशन कार्ड ही नहीं बना। बच्चों की मां कुछ घर में झाड़ू पोंछा एवं बर्तन साफ कर जीवन-यापन कर रही हैं। उसके दो मासूम बच्चे शहर के यातयात चौक से लेकर नहर रॉय पेट्रोल पंप तक भीख मांगते हैं।


नहीं है जानकारी
मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। बिना देखे मैं आपको कुछ नहीं बता सकता हूं।
दशरथ सिंह राजपूत, एसडीएम चिरमिरी-खडग़वां


पीडि़त परिवार को दी जाएगी व्यवस्था
मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। आज ही मामले की जानकारी लेकर पीडि़त परिवार को व्यवस्था दी जाएगी।
सरोजनी मिंज, परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास चिरमिरी


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