
Court decision
बैकुंठपुर/मनेंद्रगढ़. Rape and murder case: अपर सत्र न्यायालय एफटीसी(पॉक्सो) मनेंद्रगढ के न्यायाधीश आनंद प्रकाश दीक्षित ने 8 साल की मासूम बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने मार्च 2018 में मेला देखने गई मासूम को चॉकलेट खिलाया और वहां से कुछ दूर ले जाकर गड्ढे में उससे दरिंदगी की। जब बालिका बेहोश हो गई तो उसने पत्थर से उसका सिर कुचलकर हत्या कर दी थी।
पीडि़ता 24 मार्च 2018 को 3-4 बजे मंदिर दर्शन करने एवं मेला देखने अपनी बड़ी दीदी के साथ गई थी। मेला-दर्शन कर घर लौटी थी। फिर शाम 6.30 बजे पुन: घर में किसी को बिना बताए मंदिर तरफ गई थी, लेकिन घर लौटकर नहीं आई थी। इसके बाद घर के सभी सदस्य मेले में उसे खोजने पहुंचे।
इसके अलावा अपने रिश्तेदारों के यहां पूछताछ की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया था। अगले दिन 25 मार्च 2018 को भी आस-पास के गांव में खोजबीन की गई।
शाम को मंदिर के पीछे नाकाबाड़ी तरफ झुरंडी गड्ढा तरफ गए तो पीडि़ता का शव चित हालत में पड़ा हुआ था। बदन पर कपड़े नहीं थे, सिर कुचला हुआ था। कुछ दूरी पर पीडि़ता के कपड़े पाए गए थे। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
बेहोश हो गई तो पत्थर से कुचल दिया सिर
पुलिस की विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी सचिन केशरवानी उर्फ भोलू पिता महेंद्र केशरवानी (24) मेला में चॉकलेट खरीद कर अन्य छोटी बच्चियों को देता था।
मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह बालिका को चॉकलेट देकर नाकाबाड़ी झुरडी गड्ढा तरफ ले गया था। यहां मुंह दबाकर पहले बलात्कार किया, जब मासूम बेहोश हो गई तो सिर पर पत्थर पटक कर हत्या कर दी।
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
मामले में पीडि़ता के पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 302, 364, 376(क), 201 तथा अधिनियम की धारा 4, 6, धारा 3(25) एससी-एसटी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस ने अपराध में अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय प्रस्तुत किया। मामले में अपर सत्र न्यायालय एफटीसी(पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
आरोपी को अलग-अलग सात धारा में मिली सजा
अपर सत्र न्यायालय एफटीसी(पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में धारा 363 में दो साल, धारा 366 में पांच साल, धारा 376 में आजीवन, धारा 376(क) में आजीवन, धारा 302 में आजीवन, धारा 201 में सात साल, धारा 6 लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास की सजा शामिल है। सभी धाराओं में मिली सजा साथ-साथ चलेंगी।
Published on:
26 Apr 2023 06:36 pm
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