
SECL Contract workers reached to meet MLA
बैकुंठपुर। एसईसीएल चरचा कॉलरी (SECL news) में काम करने वाली ठेका कंपनी के खिलाफ मजदूरों ने विधायक को शिकायत सौंप कार्रवाई की गुहार लगाई है। मजदूरों का आरोप है कि ठेका कंपनी मजदूरों के बैंक खाते में वेतन जमा होने के बाद 15 हजार रुपए वापस मांग लेती है। यानी हर महीने उनके खाते में 36 हजार 500 रुपए जमा होते हैं। बैंक में वेतन जमा होने के बाद बकायदा ठेकेदार के स्टाफ फोन कर पैसा वापस मांगते हैं।
एसईसीएल चरचा कॉलरी में कोयला खनन (SECL news) करने ठेका कंपनियां कार्यरत हैं। जो अत्याधुनिक मशीन से खदान के भीतर कोयला खनन कर रही हैं। ठेका कंपनी में बड़ी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे हैं। लेकिन पिछले 8 महीने से हर महीने बैंक में वेतन जमा होने के बाद उगाही करने का आरोप लगाया गया है।
ठेका कंपनी (SECL news) मजदूरों को प्रतिदिन 1217 रुपए भुगतान कर रही है। लेकिन बैंक में वेतन जमा होने के बाद प्रतिदिन के हिसाब से 500 रुपए उगाही कर लेती है। मामले में मजदूरों ने स्थानीय विधायक भइयालाल राजवाड़े के निवास पहुंचे और शिकायत कर कार्रवाई की गुहार लगाई।
ठेका कंपनी में 150 से मजदूर कार्य कर रहे हैं। ऐसी भी चर्चा है कि ठेका कंपनी (SECL news) में अधिकांश कर्मचारी बाहरी हैं। जबकि इससे पहले स्थानीय स्तर पर शिक्षित युवाओं को प्राथमिकता देकर भर्ती करते थे।
एसईसीएल (SECL news) की ठेका कंपनी में कार्य करने वाले मजदूर हरक लाल देवांगन ने ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों को प्रतिदिन 1217 रुपए के हिसाब से पिछले आठ माह से मेहनताना मिल रहा है। जो बैंक खाते में भुगतान होता है। परंतु ठेकेदार हम लोगों से 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वापस मांग लेता है।
ठेका पद्धति से चरचा कोल माइंस (SECL news) में कार्य करने वाले मजदूर शिव चरण पटवा सहित अन्य ने बताया कि हम लोगों को सही पेमेंट नहीं मिल रहा है। खदान के अंदर हम लोगों के साथ दुव्र्यवहार करते हैं और खदान के भीतर सेफ्टी से संबंधित उपकरण व कोई भी सुविधाएं नहीं मिलती है।
मजदूरों का कहना है कि सभी जगह मजदूर 8 घंटे ही कार्य करते हैं। लेकिन ठेकेदार हम लोगों से 10 घंटे प्रतिदिन कार्य कराता है। वहीं काम के दौरान चोट लगने के बाद भी छुट्टी नहीं (SECL news) दी जाती है। चोट लगने के बाद काम छोड़ कर खदान से बाहर आ जाते हैं तो गैर हाजिर मान कर लिया जाता है।
फिर उस दिन का पैसा भी काट लिया जाता है। हम स्थानीय विधायक के पास अपनी परेशानियों से निजात दिलाने गुहार लगाने आए हैं। हमारी मजदूरी का जितना पैसा भी बनता है, उसे हम सभी को ठेकेदार को वापस नहीं देना पड़े, ऐसी व्यवस्था बनाएं।
Published on:
02 Jan 2025 04:21 pm
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