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NPS और OPS मामला: प्रदेश के 1.80 लाख शिक्षाकर्मियों की 6 से 20 साल की सेवा अवधि मानी जाएगी शून्य

NPS and OPS case: राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार 2004 से पुरानी पेंशन लागू, वहीं शिक्षा विभाग के रेकॉर्ड में 2018 से सेवा की होगी गणना, संविलियन (Samvilian) की सेवा शर्त बिंदु क्रमांक-4 के अनुसार शिक्षाकर्मियों की सेवा की गणना और पेंशन प्रकरण का फंसेगा पेंच

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NPS and OPS case

NPS vs OPS

बैकुंठपुर. NPS and OPS Case: शिक्षाकर्मियों की लंबी लड़ाई के बाद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी गई है। लेकिन संविलियन की सेवा शर्त बिंदु क्रमांक-4 के अनुसार सेवाकाल की गणना होने से बड़ी संख्या में शिक्षाकर्मी पुरानी पेंशन योजना से बाहर हो जाएंगे। वर्ष 1998 में भर्ती होने वाले 16000 शिक्षाकर्मियों के मामले में 10 साल सेवा अनिवार्य का पेंच फंस सकता है। वर्ष 1998 से 2012 तक भर्ती वाले प्रदेश में करीब 1.80 लाख शिक्षाकर्मी कार्यरत हैं, जिनकी सेवा अवधि 6-20 साल तक शून्य मानी जाएगी। क्योंकि शिक्षा विभाग ने शिक्षाकर्मियों की सेवा अवधि को 1 जुलाई 2018 से गणना करने का निर्णय लिया है।


जानकारी के अनुसार 11 मई 2022 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने अधिसूचना का प्रकाशन हुआ है। पुरानी पेंशन योजना 1 नवंबर 2004 से लागू की गई है। इसमें उल्लेख है कि नवीन अंशदायी पेंशन के तहत शासकीय सेवकों के वेतन से की जा रही कटौती 10 फीसदी मासिक अंशदान की कटौती 1 अप्रैल 2022 से समाप्त की जाएगी।

वहीं सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार मूल वेतन का न्यूनतम 12 फीसदी कटौती की जाएगी। पुरानी पेंशन योजना लागू होने की तिथि के मध्य सेवानिवृत्त या मृत कर्मचारियों के प्रकरणों में पात्र शासकीय सेवक व परिवार को लाभ दिया जाएगा। मामले में 11 मई 2022 को वित्त विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर के संयुक्त संचिव के हस्ताक्षर से आदेश जारी हुआ है।

इसमें समस्त विभाग, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त, कलक्टर को नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना लागू करने निर्देश दिए गए थे। वहीं छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षाविभाग मंत्रालय रायपुर से जारी 30 जून 2018, संविलियन निर्देश क्रमांक-1 में संविलियन की सेवा शर्त बिंदु क्रमांक-04 के अनुसार शिक्षक एलबी (शिक्षाकर्मी) की 1 जुलाई 2018 से सेवाकाल की गणना करने का निर्णय लिया गया है।

मामले में वर्ष 1998 में भर्ती होकर कार्य करने और 2028 तक सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षाकर्मियों को पेंशन नहीं मिलेगी। वित्त विभाग की गाइडलाइन के हिसाब से शासकीय सेवकों की 10 साल सेवा कार्य करने के बाद पेंशन प्रकरण बनता है।

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प्रदेश में 1.80 लाख शिक्षाकर्मी, सेवा अवधि 6-20 साल तक मानी जाएगी शून्य
वर्ष 1998 से 2012 तक भर्ती होने वाले करीब 1.80 लाख शिक्षाकर्मी कार्यरत हैं, जिनकी सेवा अवधि 6-20 साल तक शून्य मानी जाएगी। क्योंकि शिक्षा विभाग ने शिक्षाकर्मियों की सेवा अवधि को 1 जुलाई 2018 से गणना करने का निर्णय लिया है।

वर्ष 1998 में नियुक्त करीब 16000 शिक्षाकर्मी कार्यरत हैं। वहीं पुरानी पेंशन के लिए 10 साल की सेवा अवधि जरूरी है। इतने साल तक सेवा करने पर मूलवेतन का 25 फीसदी राशि पेंशन के रूप में मिलेगी।


एकजुट होकर करेंगे संघर्ष
एलबी संवर्ग के सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता एकजुट होकर संघर्ष करेंगे। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि सहित पुरानी पेंशन की गणना कर पेंशन तथा उपादान दिया जाए।
राजेंद्र प्रसाद पटेल, जिलाध्यक्ष प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ कोरिया


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