
कोटा .
वेतन वृद्धि, स्थाई करने व कंडम एम्बुलेंस को ठीक करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर लम्बे समय से राज्य सरकार व 108 एम्बुलेंस संचालित करने वाली कम्पनी को अवगत करा रहे 108 व 104 एम्बुलेंस चालकों ने सोमवार को पूरे प्रदेश में आपातकालीन 108 एम्बुलेंस सेवा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया।
कोटा में भी शहर की सभी एम्बुलेंस जेके लोन चिकित्सालय में खड़ी कर दी। यहां से सभी चालक जयपुर के लिए रवाना हो गए। कोटा शहर में भीमगंजमंडी, कुन्हाड़ी, अनंतपुरा, बोरखेड़ा, उद्योग नगर और महावीर नगर थाने पर एम्बुलेंस की लोकेशन रहती है। सेवा बंद होने से मरीज परेशान होने लगे हैं।
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5 साल से नहीं बढ़ा वेतन
अखिल भारतीय एम्बुलेंस सेवा संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता जोगेन्दर सिंह ने बताया कि पिछले 5 साल से एक भी कर्मचारी का वेतन नहीं बढ़ाया। जब से जीवीके कम्पनी ने राजस्थान में 108 एम्बुलेंस का संचालन संभाला है, तब से चालक परेशान हैं। एक एम्बुलेंस चालक को 7 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। जिलाध्यक्ष राकेश वर्मा ने बताया कि पांच साल से लगातार मांगों को लेकर सरकार व कम्पनी को अवगत कराते आ रहे हैं, लेकिन कोई आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। मजबूरी में चालकों को एम्बुलेंस को खड़ा करना पड़ा।
बेस और ऑटो एम्बुलेंस को भी अनुमति
108 व 104 एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल के चलते अब ऑटो एम्बुलेंस चालक व्यवस्था संभालेंगे। सीएमएचओ डॉ. आरके लवानियां ने मरीजों की सुविधा के लिए आदेश जारी कर इमरजेंसी केसों में विधायक कोष से चलने वाली एंबुलेंस, बेस एम्बुलेंस चलाने की अनुमति दी है। साथ ही शहर में ऑटो एम्बुलेंस भी चलाए जाएंगे। सीएमएचओ ने बताया कि इन सभी का भुगतान आरएमआरएस से किया जाएगा।
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ये हैं प्रमुख मांग
आरएएस अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर समाधान हो।
108, 104 एम्बुलेंस चालकों को स्थाई करें या वेतन बढ़ाया जाए।
जिन लोगों को हटाया गया है, उन्हें वापस लिया जाए।
गृह जिले में लगाया जाए।
सभी एम्बुलेंस को ठीक किया जाए और कंडम एम्बुलेंस की जगह नई लगाई जाए।
आपातकालीन 108 सेवा को सरकार के अधीन किया जाए।
साप्ताहिक व अन्य जरूरी अवकाश दिए जाएं।
Published on:
20 Mar 2018 04:31 pm
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