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सांवरिया सेठ के दर्शन के लिए जाते समय हुआ हादसा, 6 जनों की मौत

locationकोटाPublished: Aug 16, 2017 10:13:00 pm

Submitted by:

​Vineet singh

चित्तौड़गढ़ जिले में 14 अगस्त को सांवरियां सेठ के दर्शन के लिए जाते समय सड़क हादसे में 6 लोगो की मौत हो गयी।

6 Death in Road Accident

चित्तौड़गढ़ जिले में 14 अगस्त को सांवरियां सेठ के दर्शन के लिए जाते समय सड़क हादसे में 6 लोगो की मौत हो गयी।

झालावाड़.

चितौडग़ढ़ जिले में 14 अगस्त को हुए सड़क हादसे ने असनावर क्षेत्र के गादिया व कुंड गांवों को झकझोर दिया। किसी के माता-पिता, किसी का भाई, किसी की बहन तो किसी का बेटा इस हादसे ने छीन लिया। हादसे के बारे में जिसने सुना सन्न रह गया। इधर, गांवों में उनका इंतजार कर रहे लोगों की आंखें पथरा गई।

घटना की सूचना मंगलवार को ही गांव व आस-पास आग की तरह फैल लग गई थी। गादिया गांव में यात्रा पर जाने वाले लोगों के परिजनों को पता लगा तो गांव में कोहराम मच गया। रोते-रोते अपनों का इंतजार करते हुए परिजनों की आंखों के आंसू सूख गए। सुबह से गांव सहित आस-पास के ग्रामीण एकत्रित हो गए। गांव में हर तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। मृतकों के परिजनों की स्थिति देखकर अन्य ग्रामीणों की आंखों भर आई।
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यह था मामला
असनावर क्षेत्र के गादिया व कुंड गांवों के 19 महिलाएं, 15 पुरुष व तीन बच्चे ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाबा के जयकारे लगाते हुए रामदेवरा रवाना हुए थे। बीच रास्ते में सांवरिया सेठ के दर्शनों को जाते समय ऐसी घटना घटी जिसने सबको झकझोर दिया। एक ट्रॉला चालक ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोंदता हुआ निकल गया। इस हादसे में चार जनों की मौके पर ही मौत गई तथा दो गंभीर घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। चार शव मंगलवार शाम को झालावाड़ मोर्चरी में पहुंच गए थे। एक सुबह ही सीधे गांव में पहुंचाया गया।
बुधवार सुबह शवों को गादिया गांव में लेकर गए। तो पूरे गांव में मातम छा गया। हर व्यक्ति की आंखे नम थी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। कोई मृतक की मां को संभाल रहा था, तो कोई बहन को तो कोई पुत्र को। इनकी अंत्येष्टि के बाद एक और मौत की खबर आई। मृतक पूर्व सरपंच शोभाराम की पत्नी बसंती बाई की भी मौत गई। वह गंभीर घायल थी तथा अस्पताल में इलाज चल रहा था।
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परिजनों को संभालना मुश्किल
मृतक पूर्व सरपंच शोभाराम (45) पुत्र मदनलाल मीणा, छात्र पवन (20) पुत्र राजाराम मीणा, देवीशंकर (36) पुत्र नारायण मीणा, शोभाराम पुत्र (22) विजय निवासी गादिया तथा पूरण भील (33) पुत्र भैरुलाल निवासी कुंड के शव गांवों में पहुंचे तो मातम छा गया। पहले से सूचना होने से गांव में शव को ज्यादा देर नहीं रखा। तुरंत अंतिम संस्कार के लिए गए।
मृतक शोभाराम के पुत्र जितेन्द्र, रोकेश, पुत्री पांचीबाई बार-बार बेसुध हो रहे थे। तो बुजुर्ग पिता मदनलाल (80) भी अंत्येष्टी स्थल पर गमगीन मुद्रा में बैठे रहे। वहीं छात्र पवन की मां गुड्डीबाई, पिता राजाराम, भाई विशाल, बहन नीलू दादी हीरा के भी आंसू नहीं थम रहे थे। तो एक अन्य मृतक शोभाराम की मां दुर्गाबाई व बहन रेखा के भी रो-रोकर बुरा हाल था।
रिश्तेदार सुमित्रा बाई ने बताया अभी तो शोभाराम की शादी भी नहीं हुई थी। परिवार में अब मां दुर्गाबाई ही अकेली बची है। तो गांव के ही देवीशंकर के परिजन के बेसुध हो रहे थे। तो कुंड गांव के पूरणमल भील की पत्नी की पहले ही मृत्यु हो गई तो और अब हादसे ने उसको भी छीन लिया। इस मौके पर बड़ा भाई देवीलाल गमगीन था।
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अंतिम संस्कार में ये भी पहुंचे
संसदीय सचिव नरेन्द्र नागर, विधायक कंवर लाल मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय जैन, संजय वर्मा, रोजश शर्मा, हरि पाटीदार, मनीष भील, मनीष पाटीदार, राकेश भील, पूर्व विधायक कैलाश मीणा, सुरेश गुर्जर, अकतासा सरपंच मुकेश मीणा, पूर्व प्रधान भवानीसिंह गुर्जर, प्रेम सुमन, बालचन्द पाटीदार, शिक्षक वीरेन्द्र सिंह सहित असनावर, बड़ोदिया, जूनाखेड़ा, अकतासा, गादिया, पनवास, बालदिया सहित आस-पास के कई गांवों के लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे।
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30 किलोमीटर से खींच लाई मौत
घटना के समय ट्रैक्टर में बैठे गोरधन लाल भील ने बताया कि हम गांव से 13 अगस्त रविवार को दोपहर २ बजे रामदेवरा के लिए रवाना हुए थे। मंगलवार को सुबह चाय आदि पीकर आगे बढ़े। सांवलिया (मंडफिया) से तीस किलोमीटर आगे चले गए थे लेकिन महिलाओं के कहने पर लौटकर दर्शनों के लिए आ रहे थे।
उस समय पूर्व सरपंच शोभाराम ने कहा कि चलो इन्हें सांवरिया सेठ के दर्शन करवा लें, नहीं तो ये पूरे रास्ते में कहती चलेंगी लेकिन सांवरिया जी से थोड़ी दूर एक ट्रॉले ने सुबह 9.30 बजे ऐसी टक्कर मारी कि हमारा टै्रक्टर उछलकर अलग हो गया। सभी लोग नीचे गिर गए। ट्रॉला चालक भागने के चक्कर में सबको रोंदता हुआ चला गया।
वह भागने की कोशिश नहीं करता तो इतने नहीं मरते। टै्रक्टर-ट्रॉली में 19 महिलाएं तथा 15 पुरुष व तीन बच्चे सवार थे। एम्बूलेंस आती गई, घायलों को उदयपुर व चितौड़ रैफर किया गया। शायद मौत ही खींचकर लाई कि 30 किलोमीटर जाने के बाद भी वापस लौटकर आए और ये हादसा हो गया।
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गतवर्ष भी गई थी सात जानें
रामदेवरा जाने वाले लोगों की गत वर्ष 30 अगस्त को जिले के बकानी के पास के थोबडिय़ा व महेश पुरा के सात लोगों की टै्रक्टर हादसे में जान चली गई थी। यह हादसा भीलवाड़ा जिले में हुआ था। इसके बावजूद भी लोग ट्रैक्टर से यात्रा कर रहे हैं। वहीं प्रशासन इसको दरकिनार कर रहा है। टै्रक्टर का उपयोग कृषि कार्य के लिए किया जाता है। लेकिन फिर भी ग्रामीण 6-7 सौ किलोमीटर की यात्रा ट्रैक्टर से कर रहे हैं। इस ओर जिला परिवहन विभाग व पुलिस विभाग का कोई ध्यान ही नहीं है। अगर जिले में ही ऐसी यात्राएं रोक दी जाए तो ऐसे हादसों पर रोक लग सकती है।

संसदीय सचिव नरेन्द्र नागर का कहना है कि हादसे में मारे गए लोगों को यथा संभव सहायता दी जाएगी। इस संबंध में सीएम का भी फोन आया है। गत वर्ष भी बकानी में हादसे में मारे लोगों को सहायता दी गई थी। दु:ख की इस घड़ी में हम इनके साथ हैं।
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