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रीढ़ की हड्डी के बिना जन्मा बच्चा

मांगरोल. स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक सहरिया महिला ने रविवार को मैनिन्गोमाइलोसील बीमारी से पीडि़त बच्चे को जन्म दिया।

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कोटा

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abhishek jain

Sep 13, 2017

A Child Suffering From Meningocele Disease

मांगरोल. स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक सहरिया महिला ने रविवार को मैनिन्गोमाइलोसील बीमारी से पीडि़त बच्चे को जन्म दिया।

मांगरोल. स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक सहरिया महिला ने रविवार को मैनिन्गोमाइलोसील बीमारी से पीडि़त बच्चे को जन्म दिया। इस विचित्र बीमारी में मैरुदंड से मैरुरज्जू व झिल्लियों में रहने वाला पदार्थ निकल जाता है। हजारों में किसी एक को यह बीमारी होती है।

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विडंबना है कि सामुदायिक अस्पताल में रविवार को प्रसव के बाद बिना किसी सहायता के महिला को बारां रैफर कर दिया। बारां से भी उसे कोटा रैफर कर दिया। बच्चे को लेकर पीडि़त दंपती कोटा पहुंचे, लेकिन वहां से भी उन्हें बिना उपचार के वापस लौटा दिया गया।

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मांगरोल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ. उमेश विजय ने बताया कि रामवती सहरिया (25) ने इस बालक को जन्म दिया था। बालक फिलहाल ठीक है, लेकिन जल्द उपचार नहीं मिला तो बच्चे को खतरा उत्पन्न हो सकता है। गौरतलब है कि सरकार ने सहरियाओं के कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के लिए अस्पतालों में विशेष वार्ड की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन इस मामले में चिकित्सा विभाग ने सरकारी दावे की धज्जियां उड़ा दीं।

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क्या है मैनिन्गोमाइलोसील
यह एक जन्मजात बीमारी है, जिसमें रीढ़ की हड्डी जन्म के पहले बंद नहीं होती है। रीढ़ की हड्डी और मेनिंगज (ऊतक जो रीढ़ की हड्डी को शामिल करता है) पीठ के माध्यम से फैल सकता है। यह जन्मदोष अधिकांशत: समय पूर्व प्रसव के मामलों में सामने आता है। इस बीमारी का शीघ्र इलाज आवश्यक है, वरना बच्चा संक्रमण का शिकार हो सकता है।

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